एमएससी कर डॉक्टर बनने का था सपना

चरखी दादरी। कहते हैं जब किसी को ठोकर लगती है तो आगे बढ़ने के रास्ते भी मिल जाते हैं। ऐसा ही चरखी दादरी के गांव मिर्च निवासी एमएसी पास किसान बलराज सिंह के साथ हुआ। कभी खेती करने की सोच नहीं रखने वाले बलराज का पहले भाई फिर पिता की मौत होने के बाद ऐसा समय आया जब परिवार का पालन-पोषण की जिम्मेदारी उसके कंधो पर आन पड़ी तो बागवानी की खेती शुरू की। पिछले तीन वर्षों से बागवानी की खेती कर लाखों रुपए कमा रहे हैं। साथ ही अपने खेत में आग्रेनिक खाद तैयार कर खेती से कमाई कर दूसरे किसानों के लिए भी प्रेरणा स्त्रोत बन गये। उन्होंने यूट्यूब पर देखकर अपने स्तर पर सरकार की योजनाओं का लाभ लेते हुए आग्रेनिक खेती कर रहे हैं।

चरखी दादरी। कहते हैं जब किसी को ठोकर लगती है तो आगे बढ़ने के रास्ते भी मिल जाते हैं। ऐसा ही चरखी दादरी के गांव मिर्च निवासी एमएसी पास किसान बलराज सिंह के साथ हुआ। कभी खेती करने की सोच नहीं रखने वाले बलराज का पहले भाई फिर पिता की मौत होने के बाद ऐसा समय आया जब परिवार का पालन-पोषण की जिम्मेदारी उसके कंधो पर आन पड़ी तो बागवानी की खेती शुरू की। पिछले तीन वर्षों से बागवानी की खेती कर लाखों रुपए कमा रहे हैं। साथ ही अपने खेत में आग्रेनिक खाद तैयार कर खेती से कमाई कर दूसरे किसानों के लिए भी प्रेरणा स्त्रोत बन गये। उन्होंने यूट्यूब पर देखकर अपने स्तर पर सरकार की योजनाओं का लाभ लेते हुए आग्रेनिक खेती कर रहे हैं।

बता दें कि चरखी दादरी के गांव मिर्च निवासी एमएससी पास बलराज सिंह ने करीब तीन वर्ष पहले 5 एकड़ से बागवानी शुरू की थी और अब 7 एकड़ में बागवानी की खेती कर रहे हैं। एमएससी पास कर बलराज सिंह डाक्टर बनना चाहता था लेकिन परिवार के बने हालातों ने उसे प्रगतिशील किसान बना दिया। किसान बलराज ने अपने खेत में हर प्रकार के फल के पौधे लगाए हैं जिसमें सेब केला आम खजूर वाला पपीता, अमरूद, नींबू, संतरा सहित अनेकों फल के पेड़ लगाकर फायदा उठा रहे हैं। बलराज सिंह ने बताया कि यूट्यूब पर देखा और हरियाणा सरकार की ओर से पैक हाउस बागवानी और अन्य यंत्रों पर भी सब्सिडी मिली है। बलराज ने दक्षिण कोरिया से हाई टेक्नोलॉजी ट्रैक्टर भी मंगवाया है और वह बागवानी में उस काम भी कर रहे हैं। अन्य किसानों को बागवानी करने के लिए भी बलराज कहा कि अन्य खेती की बजाय अगर बागवानी की जाए तो बहुत ज्यादा कि किसानों को फायदा मिलेगा। उसने काफी जानकारी हासिल की और अब वह डाक्टर की बजाये प्रगतिशील किसान बनकर अपने परिवार का पालन-पोषण बेहतर कर रहा है। डाक्टर से उतनी मन को शांति नहीं मिलती जितनी अपने खेत में आग्रेनिक खेती कर लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने से मिलती है।

बलराज सिंह ने बताया कि एमएससी करने के बाद उसने कई बिजनेस भी किये लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। भाई व पिता के जाने के बाद सरकार की योजनाओं का अध्ययन किया और योजनाओं का फायदा ले बागवानी की खेती करते हुए वे बेहद खुश हैं। वहीं कृषि विशेषज्ञ चंद्रभान श्योराण ने बताया कि सरकार की योजनाओं का किसानों को धरातल पर फायदा मिल रहा है। यहीं कारण है कि युवा अब नौकरी करने की बजाये आधुनिक खेती कर अच्छी कमाई कर रहे हैं। किसानों को सरकार की योजनाओं का फायदा लेना चाहिए।