हथियार के बल पर अपहरण करने के जुर्म में तीन गिरफ्तार

गुरुग्राम-हथियार के बल पर अपहरण करने के जुर्म में तीन गिरफ्तार अपह्रत व्यक्ति को पुलिस ने किया सकुशल बरामद नोकरी लगवाने के नाम पर पीड़ित ने लिए थे 15 लाख न नोकरी लगवाई और न ही पैसे किए वापस गुस्साए युवक ने अपने साथियों के साथ मिल दे डाला अपहरण की वारदात को अंजाम वारदात में प्रयोग 1 रिवॉल्वर, 3 जिन्दा कारतूस व 4 मोबाईल फोन पुलिस ने किए बरामद

गुरुग्राम-हथियार के बल पर अपहरण करने के जुर्म में तीन गिरफ्तार
अपह्रत व्यक्ति को पुलिस ने किया सकुशल बरामद
नोकरी लगवाने के नाम पर पीड़ित ने लिए थे 15 लाख
न नोकरी लगवाई और न ही पैसे किए वापस
गुस्साए युवक ने अपने साथियों के साथ मिल दे डाला अपहरण की वारदात को अंजाम
वारदात में प्रयोग 1 रिवॉल्वर, 3 जिन्दा कारतूस व 4 मोबाईल फोन पुलिस ने किए बरामद
साइबर सिटी की एम-3-एम सोसायटी से एक युवक का हथियारों के बल पर अपहरण कर फरार हुए तीन बदमाशों को गुरुग्राम पुलिस की क्राइम यूनिट मानेसर ने गिरफ्तार करने मे सफ़लता प्राप्त की है। पुलिस ने अपह्रत युवक को सकुशल बदमाशो के कब्जे से छुड़ाने के साथ ही वारदात को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल की गई एक रिवाल्वर, 3 जिंदा कारतूस व 4 मोबाइल फोन कब्जे में लिए है। एसीपी क्राइम वरुण दहिया की माने तो दो फरवरी को एक महिला ने पुलिस चौकी बार गुर्जर में  शिकायत दी कि 3 व्यक्तिय उसके लड़के मनोज कुमार का M3M सोसायटी से अपहरण करके ले गए है। युवक के अपहरण की घटना को गम्भीरता से लेते हुए मामला क्राइम यूनिट मानेसर की टीम को सौपा गया। 
क्राइम यूनिट मानेसर की टीम ने तत्परता से कार्यवाही करते हुए अपहरण की वारदात को अंजाम देने वाले 3 आरोपियों संदीप उर्फ काला, मोहित व कुनाल को काबू करने में सफलता हासिल की। पुलिस टीम द्वारा आरोपी संदीप व मोहित को दीपालपुर (सोनीपत) से तथा आरोपी कुनाल को हसनयारपुर तिहाड़ कलां (सोनीपत) से गिरफ्तार किया गया। आरोपियों से पुलिस पूछताछ में पता चला कि आरोपी संदीप उर्फ काला ने करीब 3 साल पहले अपने भांजे को बैंक के नौकरी लगाने के लिए अपनी जमीन बेचकर 15 लाख रुपए मनोज को दिए थे, किन्तु मनोज द्वारा ना तो उसके भांजे की नौकरी लगवाई और ना ही रुपए वापस किए। रुपए वापस ना दे पाने के कारण मनोज ने पहले अपनी कार (ह्युंडई आई-20) संदीप उर्फ काले को दे दी थी, परन्तु कार देने के बाद भी मनोज  की तरफ करीब 8.50 लाख रुपए बकाया थे। मनोज बकाया रुपए नही दे रहा था और  छुपकर नौरंगपुर में एक सोसायटी में रह रहा था।