बिलासपुर- बेटा और बेटियों में अंतर न समझे, कुप्रथाओं से रहे दूर!

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ फाउंडेशन की एक बैठक का आयोजन कुल्लू में किया गया। जिसमे मुख्य अथति के रूप में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जिला कुल्लू की अध्यक्ष सीमा रानी ने शिकरत की उन्होंने कहा गांव की लड़कियों को नहीं मिल पा रहा है सम्मान जिसके लिए या संस्था दिन रात काम कर रही है।

बिलासपुर || बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ फाउंडेशन की एक बैठक का आयोजन कुल्लू में किया गया। जिसमे मुख्य अथति के रूप में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जिला कुल्लू की अध्यक्ष सीमा रानी ने शिकरत की उन्होंने कहा गांव की लड़कियों को नहीं मिल पा रहा है सम्मान जिसके लिए या संस्था दिन रात काम कर रही है।बेटी बेटियों की समानता के लिए काम करने का संकल्प भी लिया। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का उद्देश्य है कि बेटियो को उनका सही हक मिले। सीमा रानी ने  समाज की महिलाओं और पुरुषों को बेटियों के उत्थान के लिए काम करने को आह्वान किया। उन्होंने बेटा और बेटी में अंतर न करने और शादियों में दहेज देने की कुप्रथा से दूर रहने की अपील की। 

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ संस्था की बैठक में सभी लोगो ने अपने विचार रखे और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की अध्यक्ष सीमा रानी ने कहा की बेटियों को ससुराल में उसी प्रकार से हक देने की बात कही, जिस प्रकार से अपनी बेटियों को घर में अधिकार और सम्मान देते हैं। सीमा रानी ने शादी के दौरान दहेज के लेनदेन पर प्रतिबंध लगाने और शादी के बाद पुत्रवधु का उत्पीड़न न करने की बात कही। उन्होंने कहा कि लड़के की हर इच्छा पूरी कर दी जाती है| लेकिन लड़कियों को समझा बुझाकर शांत कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि बेटियों को बढ़ावा देकर आत्म निर्भर बनाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बेटियों को अच्छे संस्कारों की जरूरत है। सीमा रानी ने कहा कि नारी सम्मान घर से होना चाहिए। उन्होंने शरीर की सुंदरता के बजाय मन की सुंदरता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज के समाज मे सभी लोग लड़की होने पर लड़के की इच्छा करते हैं, अन्य विषयों को लेकर अत्याचार करते हैं, इन सभी बातों का त्याग कर महिलाओं के लिए पुरुष समाज को अच्छी सोच रखनी चाहिए।तबी एक अच्छे समाज की कल्पना संभब है।