बहादुरगढ़ विधानसभा क्षेत्र के पोस्टल बैलट पेपर में भारी खामी का मामला आया सामने 

पोस्टल बैलट पेपर में गड़बड़ी निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया का दम भरने वाले स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही को तो साफ दर्शा ही रही है। वही सरकारी अधिकारियों और सत्ताधारी पार्टी के विधायक की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान खड़े करती है। इस संबंध में जिले का कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने से साफ मना कर रहा है। बाइट:- नफे सिंह राठी इनेलो उम्मीदवार, दीपक और राजेंद्र इनेलो समर्थक।

बहादुरगढ़ विधानसभा क्षेत्र के पोस्टल बैलट पेपर में भारी खामी का मामला आया सामने 

बहादुरगढ़ विधानसभा से पोस्टल बैलट पेपर में भारी गड़बड़ी का मामला सामने आया है। दरअसल मिलिट्री और पैरा मिलिट्री फोर्सेज के जवानों को वोट डालने के लिए उपलब्ध करवाए गए पोस्टल बैलट पेपर में इंडियन नेशनल लोकदल के उम्मीदवार पूर्व विधायक नफे सिंह राठी के फोटो की जगह किसी अन्य व्यक्ति का फोटो प्रकाशित किया गया है। जबकि उनके नाम और पार्टी के चुनाव चिन्ह तो ठीक तरह से अंकित है। लेकिन फोटो वाली जगह किसी अन्य व्यक्ति का फोटो लगाया गया है। इसकी शिकायत इनेलो उम्मीदवार नफे सिंह राठी और उसके समर्थकों ने जिला निर्वाचन अधिकारी से की है। नफे सिंह राठी और उनके समर्थकों का कहना है कि स्थानीय बीजेपी विधायक नरेश कौशिक ने उनके खिलाफ साजिश रच कर ऐसा किया है। उन्होंने नरेश कौशिक के दामाद पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। क्योंकि उनके भाई का दामाद बहादुरगढ़ उपमंडल में सहायक सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी के पद पर तैनात हैं और दोनों की मिलीभगत के चलते इस साजिश को अंजाम दिया गया है। नफे सिंह राठी का कहना है कि बीजेपी विधायक नरेश कौशिक अपनी होने वाली हार से घबराए हुए हैं और इसलिए इस तरह की ओछी हरकतों को अंजाम दिया जा रहा है। हालांकि उन्होंने इससे खुद को होने वाले किसी भी प्रकार के नुकसान से मना किया है। उनका कहना है कि जिन लोगों के पास पोस्टल बैलट पेपर भेजे गए हैं। वह पढ़े लिखे हैं और उन्हें पहचानते हैं इसलिए वोट इंडियन नेशनल लोक दल पार्टी को ही मिलेंगे। हालांकि उन्होंने इस संबंध में प्रशासनिक अधिकारियों से उचित कार्रवाई अमल में लाने की गुहार भी लगाई है। पोस्टल बैलट पेपर में गड़बड़ी निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया का दम भरने वाले स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही को तो साफ दर्शा ही रही है। वही सरकारी अधिकारियों और सत्ताधारी पार्टी के विधायक की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान खड़े करती है। इस संबंध में जिले का कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने से साफ मना कर रहा है।