जिगोलो सर्विस के नाम पर ब्लैकमेलिंग करने वाले दो गिरफ्तार

एसीपी वरुण दहिया की माने तो मोहित टाँक पहले जयपुर में गाइड का काम किया करता था। कुछ समय बाद मोहित एक पोर्टल चैनल के संपर्क में आया और लोगों के स्ट्रिंग ऑपरेशन करने लगा। मोहित की इंगलिश बहुत अच्छी थी जिसका फ़ायदा उठाकर लोगों को ब्लैकमेल करता था।

गुरुग्राम || जिगोलो सर्विस मुहैया करवाने के नाम पर ब्लैकमेलिंग करने के जुर्म में गुरुग्राम पुलिस ने दो युवको को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। पुलिस द्वारा गिरफ्तार आरोपी फर्जी पत्रकार और फर्जी पुलिस कर्मी बन वारदात को अंजाम देते आ रहे थे। आरोपियो के कब्जे से पुलिस ने वारदात को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल की जा रही कार को भी बरामद कर लिया है। एसीपी क्राइम वरुण दहिया की माने तो एक व्यक्ति ने थाना सदर में शिकायत दी थी कि एक पत्रकार और एक पुलिस कर्मी ने उसे सेक्सटॉर्शन के झूठे मामले में फंसाकर ठग लिया है। मामले की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस ने एक टीम गठित कर तफ्तीश शुर कर दी। तफ्तीश के दौरान पुलिस टीम ने दो युवकों को गिरफ्तार किया है। जिनकी पहचान मोहित टांक और देवकी नन्दन के रूप में हुई। मोहित टाँक फर्जी पत्रकार बनकर और देवकी नंदन फर्जी पुलिस वाला बनकर वारदात को अंजाम दिया करते थे।
एसीपी क्राइम की माने तो एस्कॉर्ट साइड के माध्यम से ये आरोपी लोगों को शिकार बनाते थे। आरोपी इतने शातिर थे की फर्जी पुलिस कर्मी और फर्जी पत्रकार बन कर किसी भी थाने के बाहर खड़े होकर लोगों के साथ ठगी करते थे। एसीपी वरुण दहिया की माने तो मोहित टाँक पहले जयपुर में गाइड का काम किया करता था। कुछ समय बाद मोहित एक पोर्टल चैनल के संपर्क में आया और लोगों के स्ट्रिंग ऑपरेशन करने लगा। मोहित की इंगलिश बहुत अच्छी थी जिसका फ़ायदा उठाकर लोगों को ब्लैकमेल करता था। गुरुग्राम के सेक्टर 39 में इन लोगों ने ठगी की वारदात को अंजाम दिया था। देवकी नंदन फर्जी पुलिस वाला बनकर लोगों को डराता थे,जो लोग इनके चुग़ल में फस जाते थे उन्हें डर दिखाकर उनके साथ ठगी करते थे।

इन आरोपियों ने अभी तक अलग-अलग जगहों पर बहुत सी वारदात को अंजाम दिया है। गुरुग्राम पुलिस ने इन दोनों शातिर आरोपियों को जयपुर से गिरफ़्तार किया है। इस पूरे मामले में अब तक 3 आरोपीयो को गिरफ़्तार किया जा चुका है। पुलिस गिरफ्तार आरोपियो को रिमांड पर लेने की तैयारी में जुट गई है, जिससे इनकी क्राइम कुंडली को खंगाला जा सके और यह पता लगाया जा सके कि ये लोग कितने लोगों को ठग्गी का शिकार बना चुके है।