प्राथमिक विद्यालय बेगमपुर में बच्चों पर गिरा छत का लैंटर

मथुरा प्राथमिक विद्यालय बेगमपुर में कक्षा तीन की छत के लैंटर की करीब दो मीटर परधी की मोटी परत टूट कर बच्चों के उपर आ गिरी इस हादसे में 10 बच्चे घायल हो गए और जिनमें से दो बच्चों को गंभीर चोट आई हैं।

प्राथमिक विद्यालय बेगमपुर में बच्चों पर गिरा छत का लैंटर

Delhi || Abhay ||  मथुरा प्राथमिक विद्यालय बेगमपुर में कक्षा तीन की छत के लैंटर की करीब दो मीटर परधी की मोटी परत टूट कर बच्चों के उपर आ गिरी। हादसे में 10 बच्चे घायल हो गए। जिनमें से दो बच्चों को गंभीर चोट आई हैं। हादसा गुरूवार को करीब 12 बजे हुआ। बच्चों के घायल होने की सूचना स्टाफ ने अधिकारियों को दे दी। जिस समय हादसा हुआ प्रधान अध्यापक भी विद्यालय में मौजूद नहीं थे। हादसे की सूचना पर वह विद्यालय पहुंच गए। वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मांट के प्रभारी सोनू चतुर्वेदी एम्बूलेंस लेकर पहुंचे और घायल बच्चों को एंबुलेंस से अस्पताल लाए। घायल बच्चों में खुशी पुत्र संजय, डोली पुत्री योगेन्द्र, तुलसी पुत्री पंकज, निखिल पुत्र हुकम सिंह, राज पुत्र मनोज, रिचा पुत्री सोनू, जसवंत पुत्र डोरी लाल, रूची व कन्नू पुत्र चंद्रपाल हैं। जिस समय हादसा हुआ कक्ष में कक्षा तीन के 18 बच्चे मौजूद थे। हादसे की सूचना के बाद भी शिक्षा विभाग का कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। प्राथमिक विद्यालय बेगमपुर ब्लॉक मांट के प्रधानाध्यापक गजेन्द्र सिंह ने बताया कि वह ट्रेनिंग में थे। हादसे की सूचना मिलने पर विद्यालय आए हैं। कक्षा एक, कक्षा दो, कक्षा तीन तथा बाउंड्रीवाल को लेकर वह दो महीने पहले ही अधिकारियों को सूचना दे चुके हैं। जिस कक्ष में हादसा हुआ हैं वह कक्षा तीन का है। सुचना के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है  उन्होंने कहाकि हादसे के समय कक्षा में 18 बच्चे मौजूद थे। तीन चार बच्चों को अधिक चोट आई हैं। ग्रामीण श्याम बिहारी ने बताया कि घायल बच्चों मे दो बच्चों को अधिक चोट आई हैं।

हादसे की सूचना के बाद मांट प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी एम्बुलेंस लेकर मौके पर पहुंच गए लेकिन प्रशासन और शिक्षा विभाग का कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। हादसे के बाद विद्यालय में अफरा तफरी का माहौल हो गया। बच्चे हादसे से भयभीत थे। वह किसी तरह अपने घर पहुंचना चाहते थे।वही इस बारे मे बेसिक शिक्षा अधिकारी से जानकारी लेना चाहा तो उन्होंने फोन ही रिसीव नहीं किया इससे पहले भी यह कोई नई चीज नहीं है के अधिकारी अपना सीयूजी नंबर भी रिसीव नहीं करते हैं