जंतर मंतर पर बैठे कुश्ती खिलाड़ियों पर हरियाणा कुश्ती संघ के अध्यक्ष का पलटवार

दिल्ली स्थित जंतर मंतर पर बैठे कुश्ती खिलाड़ियों का मामला तूल पकड़ता जा रहा है।भारतीय कुश्ती संघ और अध्यक्ष सांसद बृजभान शरण के विरोध में बैठे आधा दर्जन कुश्ती खिलाड़ियों पर हरियाणा कुश्ती संघ के अध्यक्ष रोहतास नांदल ने पलटवार किया |

जंतर मंतर पर बैठे कुश्ती खिलाड़ियों पर हरियाणा कुश्ती संघ के अध्यक्ष का पलटवार

|| Delhi || Aditya Kumar || दिल्ली स्थित जंतर मंतर पर बैठे कुश्ती खिलाड़ियों का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। भारतीय कुश्ती संघ और अध्यक्ष सांसद बृजभान शरण के विरोध में बैठे आधा दर्जन कुश्ती खिलाड़ियों पर हरियाणा कुश्ती संघ के अध्यक्ष रोहतास नांदल ने पलटवार करते हुए कहा है कि इन खिलाड़ियों की छाया ढलने लगी है यह नए खिलाड़ियों से हारने लगे हैं जिसके चलते कुश्ती संघ और अध्यक्ष पर अनर्गल बयान लगा रहे हैं ।

हरियाणा कुश्ती संघ अध्यक्ष रोहतास नांदल ने खिलाड़ियों पर लगाया आरोप

रोहतास नांदल ने धरना दे रहे खिलाड़ियों पर ओछी राजनीति करने का भी आरोप लगाया है। उनका कहना है कि जो खिलाड़ी कल तक भारतीय कुश्ती संघ और कुश्ती संघ के अध्यक्ष की तारीफ में कसीदे पढ़ते थे वह आज छोटी राजनीति का परिचय देते हुए उन पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं । पिछले साल उत्तर प्रदेश के अमेठी में भारतीय कुश्ती संघ द्वारा कुश्ती खिलाड़ियों के सम्मान समारोह का एक वीडियो जारी किया है |  जिसमें ओलंपियन बजरंग पुनिया भारतीय कुश्ती संघ और अध्यक्ष की जमकर तारीफ कर रहे हैं । इसी वीडियो के माध्यम से हरियाणा कुश्ती संघ के अध्यक्ष रोहतास नांदल ने कहा है कि जंतर-मंतर पर बैठे कुश्ती खिलाड़ियों के बारे में कहां है कि वह एक दिन में ही पहलवान नहीं बन गए हैं यह भारतीय कुश्ती संघ और अध्यक्ष बृजभूषण सिंह की कोशिशों का नतीजा है | जिन्होंने देश और विदेशों में अनेक प्रतियोगिताएं आयोजित करवा इन खिलाड़ियों को यहां तक पहुंचाया है ।

उन्होंने कहा कि यौन उत्पीड़न जैसे संगीन आरोप ओछी राजनीति का परिचय है उन्होंने नए खिलाड़ियों  के परिजनों से आवान किया है वह देखें कि उनके बच्चे किस दिशा में जा रहे हैं इस तरह के बयान लगाना भारतीय संस्कृति के अनुरूप नहीं है। लड़कियां लक्ष्मी का रूप होती है सांसद बृजभूषण शरण ने अपना जीवन कुश्ती के लिए समर्पित किया है और वह आज अध्यक्ष नहीं बने हैं बल्कि वर्षों से अध्यक्ष हैं तब भी ये खिलाड़ी  थे और अध्यक्ष भी थे। तब यह बातें कहां गई थी धरने पर बैठे खिलाड़ी राजनीतिक उकसावे के चलते छोटी राजनीति का परिचय दे रहे हैं। जो ना तो इन खिलाड़ियों के हक में है और ना ही कुश्ती खेल के हक में।