26 जून को पूरे प्रदेश में रोडवेज बसों का हो सकता है चक्का जाम

फतेहाबाद बस स्टैंड पर गेट मीटिंग करके 26 जून की हड़ताल को लेकर रणनीति बनाई गई है उन्होंने कहा कि 23 जून को उनकी परिवहन मंत्री से बातचीत है और अगर परिवहन मंत्री उनकी मांगों को लेकर पत्र जारी कर देते हैं तो वह हड़ताल पर नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा हर बार मांगे मानने को लेकर आश्वासन दे दिया जाता है और हामी भरी जाती है लेकिन मांगों को पूरा नहीं किया जाता है।

फतेहाबाद || 26 जून को रोडवेज कर्मचारियों द्वारा हड़ताल को लेकर फतेहाबाद में की गई गेट मीटिंग, रोडवेज कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर की नारेबाजी, रोडवेज कर्मचारियों का कहना, 23 जून को परिवहन मंत्री से मुलाकात रखेंगे अपनी मांगे को लेकर, सरकार के द्वारा हर बार मांगों को मानने का दिया जाता है आश्वासन, लेकिन इस बार जब तक मांगें मानने को लेकर जारी नहीं किया जाता पत्र, तब तक जारी रहेगा आंदोलन। 26 जून को पूरे प्रदेश में रहेगा रोडवेज बसों का चक्का जाम।
हरियाणा में रोडवेज कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर 26 जून को पूरे प्रदेश में हड़ताल पर जा रहे हैं। जिसके चलते रोडवेज का चक्का जाम रहेगा।

इस हड़ताल को लेकर आज फतेहाबाद के बस स्टैंड पर रोडवेज कर्मचारियों ने गेट मीटिंग करके अपनी रणनीति बनाई और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार के द्वारा हर बार उनकी मांगें मानने को लेकर आश्वासन दे दिया जाता है, लेकिन मांगे पूरी नहीं की जाती, इसी के चलते अब 26 जून को कर्मचारियों ने हड़ताल का ऐलान किया है। इस को लेकर मीडिया से बातचीत करते हुए आजाद सिंह गिल सांझा मोर्चा के सदस्य ने बताया कि आज फतेहाबाद बस स्टैंड पर गेट मीटिंग करके 26 जून की हड़ताल को लेकर रणनीति बनाई गई है उन्होंने कहा कि 23 जून को उनकी परिवहन मंत्री से बातचीत है और अगर परिवहन मंत्री उनकी मांगों को लेकर पत्र जारी कर देते हैं तो वह हड़ताल पर नहीं जाएंगे।

उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा हर बार मांगे मानने को लेकर आश्वासन दे दिया जाता है और हामी भरी जाती है लेकिन मांगों को पूरा नहीं किया जाता है। इस बार रोडवेज कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि रोडवेज कर्मचारियों के द्वारा सरकार को 30 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा गया था। 6 मांगों पर सहमति बनी थी, लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया गया है। कच्चे कर्मचारियों को पक्का करना, बोनस संबंधी मांगे और कर्मचारियों के अवकाश संबंधी जो नया नियम लागू किया गया है, उसका वह लगातार विरोध कर रहे हैं।