सिरसा में प्रेम स्वीट्स के संचालक की खुली किस्मत, निकली डेढ़ करोड़ लॉटरी...

सिरसा कालांवाली आपने सुनी होगी कहावत ऊपर वाला जब देता है तो छप्पर फाड़कर देता है, ऐसा ही हुआ है। धर्मपाल और देवीलाल निवासी मंडी कालांवाली के साथ। कालांवाली में पुराना पंजरत्न सिनेमा रोड पर स्थित प्रेम स्वीट्स के संचालक धर्मपाल और देवीलाल ने शायद सपने में भी नहीं सोचा होगा कि वह कभी लॉटरी के टिकट से डेढ़ करोड़ रूपये जीत पाएगें।

सिरसा में प्रेम स्वीट्स के संचालक की खुली किस्मत, निकली डेढ़ करोड़ लॉटरी...

सिरसा (सुरेंदर सैनी) || सिरसा कालांवाली आपने सुनी होगी कहावत ऊपर वाला जब देता है तो छप्पर फाड़कर देता है, ऐसा ही हुआ है। धर्मपाल और देवीलाल निवासी मंडी कालांवाली के साथ। कालांवाली में पुराना पंजरत्न सिनेमा रोड पर स्थित प्रेम स्वीट्स के संचालक धर्मपाल और देवीलाल ने शायद सपने में भी नहीं सोचा होगा कि वह कभी लॉटरी के टिकट से डेढ़ करोड़ रूपये जीत पाएगें। उन्होंने पंजाब स्टेट लॉटरी राखी बंपर के प्रथम पुरस्कार के रूप में डेढ़ करोड़ रुपये जीते हैं। बता दें कि इससे पहले भी कालांवाली के सब्जी की रेहड़ी लगाने वाले सहित दो लोग पंजाब स्टेट लॉटरी से करोड़पति बन चुके है।

प्रेम स्वीट्स के संचालक धर्मपाल व देवीलाल ने बताया कि पहले उन्होंने करीब एक सप्ताह पहले सिरसा के एक एजेंट के माध्यम से राखी बंपर की लॉटरी के 5 टिकट खरीदे थे। इसके बाद करीब 5 दिन पहले वहीं एजेंट उसकी दुकान पर फिर आया और कहने लगा कि एक अंतिम टिकट ही बचा है, इसे भी आप खरीद लो। उनकी ओर से प्रेम स्वीट्स के नाम से खरीदी गई अंतिम टिकट के नंबर से ही उन्हे डेढ़ करोड़ रूपये की लॉटरी निकली है। वीरवार देर शाम लॉटरी एजेंंट ने उन्हें फोन पर यह सूचना दी कि उनका डेढ़ करोड़ रूपये का इनाम निकला है। पहले तो उन्हे उसकी बात पर यकीन नहीं हुआ, लेकिन बाद में शुक्रवार सुबह एजेंट ने दोबारा फोन करके बताया कि इस नंबर की टिकट का ड्रा निकला है तो उसने अपना निकला है तो उसने अपना टिकट का नंबर देखा। इसके बाद उसकी खुशी का ठिकाना न रहा। लॉटरी विजेता धर्मपाल ने बताया कि उसके करीब 22 साल और 20 साल के दो बेटे और एक करीब 23 वर्षीय बेटा है। जबकि उसके छोटे भाई देवीलाल के करीब 12 वर्षीय व 10 वर्षीय दो बेटियों और एक लगभग 6 वर्षीय बेटा है। जोकि वर्तमान में पढ़ाई कर रहे है। वे इन रूपयों से अपने बच्चों को अच्छे स्कूल व कालेज में बेहतर पढ़ाई करवाएगें और साथ में गरीब जरूरतमंद परिवारों की सहायता पर खर्च करेगें।