देश को आजाद कराने वालों में महेंद्रगढ़ जिले के जवानों का अहम योगदान...

स्वतंत्रता आंदोलन के सिपाही महेंद्रगढ़ जिले के गांवों करीरा निवासी प्रभाती लाल को आज भारत छोड़ो आंदोलन की जयंती के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति की तरफ से उपमंडल अधिकारी कनीना रणवीर सिंह ने उनके घर पहुंच कर उन्हें सम्मान पत्र अंग वस्त्र तथा सलामी देकर उनका सम्मान किया।

देश को आजाद कराने वालों में महेंद्रगढ़ जिले के जवानों का अहम योगदान...

महेन्दरगढ़ (सुशिल शर्मा) || इस अवसर पर जानकारी देते हुए उप मंडल अधिकारी रणवीर सिंह ने बताया कि 9 अगस्त भारत छोड़ो आंदोलन की जयंती के अवसर पर हर वर्ष भारत के राष्ट्रपति भवन में एट होम का आयोजन किया जाता है मगर इस वर्ष कोविड-19 की वजह से यह कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया और राष्ट्रपति महोदय ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को आदेश दिया कि वे स्वतंत्रता सेनानियों के घर जाकर सम्मानित करें।

इसी कड़ी में वे आज महेंद्रगढ़ जिले के कनीना उपमंडल में करीला गांव में प्रभाती लाल के घर उन्हें सम्मानित करने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के साथ आये हैं। एसडीएम ने बताया कि स्वतंत्रता सेनानियों की बदौलत ही आज हमारा देश खुली हवा में सांस ले रहा है।  उनका ऋण हम कभी नहीं चुका सकते हमारा गौरव है कि आज स्वतंत्र सेनानियों के साथ कुछ पल बिताने को हमें मिले हैं तथा उनसे उनके विचार साझा करने का सौभाग्य हमें प्राप्त हुआ है।

इस अवसर पर स्वतंत्र स्वतंत्रता सेनानी कि प्रभाती लाल की पत्नी बदामों देवी ने बताया कि उनका उनके पति को थोड़ा ऊंचा सुनना शुरू हो गया है तथा उनकी याददाश्त भी कुछ कमजोर हो गई है जब यह ठीक थे तो उन्हें बताते थे की अंग्रेजों ने उनको स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने पर अंग्रेजी से हुकूमत ने गिरफ्तार कर लिया था तथा नाभा जेल में डाल दिया गया था । जेल में भी उनके साथ तरह-तरह की यातनाएं दी जाती थी।

उन्हें ना ही तो पोस्टिक आहार दिया जाता था और ना ही रहने वह घूमने फिरने की आजादी दी जाती थी। यहां तक कि जेल में भी उनके साथ बुरा बर्ताव किया जाता था इसके बावजूद भी वे अपने आजादी के आंदोलन से पीछे नहीं हटे। जेल से रिहा कर देने के बाद भी उनके घर, पशु तथा जमीन को अंग्रेजों ने नीलाम कर दिया था ताकि वे स्वतंत्रता आंदोलन से दूर हट जाएं। मगर प्रभाती लाल व उनके साथियों ने अंग्रेजों के सामने घुटने नहीं टेके और वे अंतिम समय तक नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आदेशों का पालन करते हुए देश की आजादी में अपना योगदान देते रहे और आखिरकार अंग्रेजी को भारत छोड़कर जाना पड़ा और 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हो गया। आज की सरकार देश हित में कार्य कर रही है चाहे विदेश नीति हो या फिर देश के विकास का मामला या धारा 370 हटाने का मामला यह सभी अच्छे कदम मौजूदा सरकार उठा रही है इसके लिए हम उन्हें धन्यवाद करते हैं।