गुरुग्राम-साइबर अपराधियो की ऐशगाह बनी साइबर सिटी!

गुरुग्राम || विश्व के मानचित्र पर साइबर सिटी के रूप में अपनी पहचान बना चुका गुरुग्राम अब साइबर अपराधियो के लिए ऐशगाह बनता जा रहा है। साइबर ठग इस कदर सक्रिय हो गए है कि वह जब चाहे लोगो को चुना लगाने में कामयाब हो रहे है। साल 2023 के दौरान गुरुग्राम में साइबर ठग्गी के 32000 मामले आए थे, जिसमें करोड़ों रुपए की राशि लोगों से ठग्गी गई थी।

गुरुग्राम || विश्व के मानचित्र पर साइबर सिटी के रूप में अपनी पहचान बना चुका गुरुग्राम अब साइबर अपराधियो के लिए ऐशगाह बनता जा रहा है। साइबर ठग इस कदर सक्रिय हो गए है कि वह जब चाहे लोगो को चुना लगाने में कामयाब हो रहे है। साल 2023 के दौरान गुरुग्राम में साइबर ठग्गी के 32000 मामले आए थे, जिसमें करोड़ों रुपए की राशि लोगों से ठग्गी गई थी। गुरुग्राम पुलिस ने इन मामलों की जांच करते हुए 25 करोड रुपए की राशि बरामद की और 600 अपराधियों को गिरफ्तार किया। बाबजूद इसके 7000 मामले अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर बने हुए हैं।

गुरुग्राम का नाम साइबर सिटी इसलिए पड़ा क्योंकि यहा बहुत सी साइबर कंपनियो ने अपने ऑफिस खोले हुए है। एमएनसी कम्पनियां गुरुग्राम में रहकर विदेश में साइबर से जुड़े बिजनेस मॉडल को संभालती हैं। मगर ऐसे में साइबर सिटी गुरुग्राम में अब साइबर अपराधों का भी बोलबाला होने लगा है। साइबर सिटी गुरुग्राम में प्रत्येक व्यक्ति से अगर बात करें तो हजारो रुपए तक की औसतन ठगी आए दिन हो जाती है, जिसके लिए ठग सीधे तौर पर अनआईडेंटिफाई लिंक का इस्तेमाल करते हैं। जिस पर क्लिक करते ही ना तो कोई ओटीपी चाहिए होता है ना ही कोई कंफर्मेशन। बीते दिनों पुलिस ने साइबर सिटी गुरुग्राम में साइबर ठग्गो को बैंक खाते उपलब्ध करवाने के जुर्म में तीन लीगो को गिरफ्तार भी किया था। आरोपियो के कब्जे से पुलिस ने 6 मोबाइल फोन, 6 एटीएम कार्ड्स, 38 सिम कार्ड्स व 10 हजार रुपयों की नगदी बरामद की है। आरोपियों की पहचान इरशाद , शाहरुख खांन व सैफ के रूप मे हुई थी। 

फेसबुक पर नौकरी दिलवाने की ऐड व इश्तेहार डालते थे और जब कोई व्यक्ति नौकरी के नाम पर इनसे संपर्क करता था तो उन्हें नौकरी दिलाने से पहले उन लोगों के दस्तावेज लेकर उनका बैंक में खाता खुलवाकर उन बैंक खातों का एक्सेस व सभी दस्तावेज अपने पास रख लेते थे। उस बैंक खातों को आरोपी अपने अन्य साथियों को दे देते थे। शिकायतकर्ता से ठगी करके जिस बैंक खाते में रुपये ट्रांसफर कराए थे वो बैंक खाता आरोपियों ने अपने अन्य साथियों को उपलब्ध करवाया था।