महेंद्रगढ़ - ड्रैगन फ्रूट की खेती ने इस किसान की बदली किस्मत, हो रही है तगड़ी कमाई!

महेंद्रगढ़ ||  जिले के गांव मुंडिया खेड़ा निवासी किसान मनीराम अपने खेतों में गेहूं, गन्ना, धान की फसल ना करके एक खास किस्म की खेती कर रहे हैं। यह खास किस्म की खेती विदेशी फल ड्रैगन फ्रूट की है, जिसे गांव मुंडिया खेड़ा निवासी किसान मनीराम अपने एक एकड़ के खेत मे 450 खंभों पर लगभग 1800 पौधे लगाकर कर रहे हैं। उनकी कुल लागत 6 लाख रुपये एक एकड़ में आई है।

महेंद्रगढ़ ||  जिले के गांव मुंडिया खेड़ा निवासी किसान मनीराम अपने खेतों में गेहूं, गन्ना, धान की फसल ना करके एक खास किस्म की खेती कर रहे हैं। यह खास किस्म की खेती विदेशी फल ड्रैगन फ्रूट की है, जिसे गांव मुंडिया खेड़ा निवासी किसान मनीराम अपने एक एकड़ के खेत मे 450 खंभों पर लगभग 1800 पौधे लगाकर कर रहे हैं। उनकी कुल लागत 6 लाख रुपये एक एकड़ में आई है। देश के किसान आमदनी को बढ़ाने के लिए पारंपरिक फसलों को उगाने के अलावा भी कई प्रकार के फल और सब्जियां उगा रहे हैं।  हम बात कर रहे हैं एक ऐसे फल की जिसे ड्रैगन फ्रूट के नाम से जाना जाता है। महेंद्रगढ़ जिले के एक किसान ने इस विदेशी फल को भारत की मिट्टी में उगाया है और इससे वह काफी मुनाफा भी बना रहे हैं। उन्होंने आम फसलों से हटकर इसकी खेती की है। उनकी इस सफलता से कई किसानों को सीख लेनी चाहिए। महेंद्रगढ़ जिले के गांव मुंडिया खेड़ा निवासी एक किसान के द्वारा इस ड्रैगन फ्रूट की खेती की जा रही है। वह इसे प्राकृतिक तरीके से कर रहे हैं। बाजार में भी अब ड्रैगन फ्रूट की मांग बढ़ती जा रही है, इसलिए किसानों को भी अच्छा पैसा मिल जाता है।

गांव मुंडिया खेड़ा निवासी किसान मनीराम ने विदेशी फल ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रखी है। उनका मानना है कि जितना वह गेहूँ, धान या फिर अन्य फसलों में नहीं कमा पाते उससे ज्यादा इस खास तरह की खेती में कमा सकते हैं। वह बताते हैं कि इस फसल को तैयार करने में उनकी कुल लागत 6 लाख रुपये एक एकड़ में आई है। अब यह इस फसल से आमदनी की उम्मीद प्रति वर्ष ढाई से तीन लाख रुपये लगा रहे हैं और यह आमदनी उनकी एक बार लागत लगने के बाद पूरे 25 से 30 वर्षों तक होती रहेगी। उन्होने बताया कि ड्रैगन फ्रूट पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें तमाम प्रकार की ऐसे विटामिन होते हैं जो हमारे शरीर के लिए लाभदायक हैं। यह फल मधुमेह और कैंसर जैसी बीमारियों की संभावनाओं को कम करता है साथ ही यह इम्युनिटी बूस्टर का भी काम करता है। उन्होने बताया कि इस फल की खास बात यह है कि इसका उत्पादन सूखे, बाढ़ या किसी अन्य मौसम संबंधी आपदाओं से प्रभावित नहीं होता है। यह लगभग कैक्टस-पौधे की तरह है जिसे बहुत कम देखभाल की जरूरत होती है।