कनाडा में भारतीय छात्रों के हितों पर सहयोग करेगी कंजर्वेटिव पार्टी

कनाडा के टोरंटो शहर में भागवत प्रवचन कर रहे देवकीनंदन महाराज ने अप्रवासी भारतीयों को देश का प्रतिनिधि बताते हुए पूरे विश्व में भारत का नाम और सम्मान ऊँचा करने की सीख दी। रविवार को कथा समापन से पूर्व हिन्दू सभा मंदिर में अप्रवासी भारतीयों से भरे कथा स्थल पर कनाडा की कंजर्वेटिव पार्टी के  प्रमुख पीयरे पोइलीवरे पहुँचे तो राधे-राधे और जय श्रीराम की जोरदार ध्वनि से उनका स्वागत हुआ।

वृन्दावन || विपक्षी पार्टी कंजर्वेटिव पार्टी के प्रमुख नेता और कनाडा के अगले प्रधानमंत्री माने जा रहे पीयरे पोइलीवरे ने देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज का स्वागत कर उन्हें अभिनंदनपत्र सौंपा। टोरंटो में कथा के दौरान हिंदी और हिंदू समुदाय को शांति-सद्भाव का प्रतीक बताते हुए पोइलीवरे ने कनाडा कोे सभी के लिये समान अवसर और सम्मान प्रदान करने वाला देश बताया। इस दौरान देवकीनंदन महाराज ने कनाडा में भारतीय छात्रों के हितों का मामला भी उनके सामने रखा। कनाडा के टोरंटो शहर में भागवत प्रवचन कर रहे देवकीनंदन महाराज ने अप्रवासी भारतीयों को देश का प्रतिनिधि बताते हुए पूरे विश्व में भारत का नाम और सम्मान ऊँचा करने की सीख दी। रविवार को कथा समापन से पूर्व हिन्दू सभा मंदिर में अप्रवासी भारतीयों से भरे कथा स्थल पर कनाडा की कंजर्वेटिव पार्टी के  प्रमुख पीयरे पोइलीवरे पहुँचे तो राधे-राधे और जय श्रीराम की जोरदार ध्वनि से उनका स्वागत हुआ। कनाडा के अगले प्रधानमंत्री माने जा रहे पीयरे ने व्यासपीठ को हाथ जोड़कर प्रणाम किया और सनातन धर्मालंबियों का अभिभावदन स्वीकार किया। प्रमुख विपक्षी दल की ओर से उन्होंने देवकीनंदन महाराज को शांति संदेशों के प्रचार-प्रसार के लिये अभिनंदन पत्र सौंपा।

देवकीनंदन महाराज ने उन्हें स्मृति चिन्ह प्रदान किया। संक्षिप्त वार्ता में पियरे ने भारतीय छात्रों के प्रवेश सम्बंधित मामले में कंजर्वेटिव पार्टी के सहयोग का विश्वास दिलाया। बड़ी देर तक वे भक्तों के बीच बैठ कर भजनों पर झूमते रहे। इस अवसर पर बड़ी संख्या में उपस्थित भक्तों को सम्बोधित करते हुए पीयरे पोइलीवरे ने कहा कि कनाडा एक ऐसा देश है जहां इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपका नाम चांग है या चार्ल्स, आपका नाम सिंह है या स्मिथ, आप पॉलीव है या पटेल, यहाँ का प्रत्येक निवासी उज्ज्वल भविष्य का हकदार है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की तरह ही यह भी एक सार्वभौमिक संदेश है। कहा कि ‘‘मैं हिंदी सीखकर में अगली बार हिंदी में बातें करना चाहुँगा।’’ यह शांति और प्रेम की भाषा है।  पियरे ने हिंदु सभा मंदिर में कथा के बीच चित्रों को अपने ट्वीटर हैंडल पर साझा करते हुए आभार व्यक्त किया।