चरखी दादरी - तीन दिन और बढी पटवारियों की हड़ताल, तहसीलों में भटकते रहें लोग!

चरखी दादरी || दि रेवेन्यू पटवारी एवं कानूनगो एसोसिएशन के आह्वान पर पटवारियों ने अपनी हड़ताल को बढाने के बाद जहां रेवेन्यू से संबंधित कामकाज ठप्प पड़ा है वहीं लोग अपने कार्यों को लेकर चक्कर काट रहे हैं। पटवारी और कानूनगो के पास 75 से ज्यादा सेवाएं होती हैं जिस पर उनके हस्ताक्षर चलते हैं। वह सेवाएं बंद होने से खासकर ग्रामीण लोगों को ज्यादा परेशानी उठानी पड़ रही है।

चरखी दादरी || दि रेवेन्यू पटवारी एवं कानूनगो एसोसिएशन के आह्वान पर पटवारियों ने अपनी हड़ताल को बढाने के बाद जहां रेवेन्यू से संबंधित कामकाज ठप्प पड़ा है वहीं लोग अपने कार्यों को लेकर चक्कर काट रहे हैं। पटवारी और कानूनगो के पास 75 से ज्यादा सेवाएं होती हैं जिस पर उनके हस्ताक्षर चलते हैं। वह सेवाएं बंद होने से खासकर ग्रामीण लोगों को ज्यादा परेशानी उठानी पड़ रही है। वहीं पटवारियों ने हड़ताल के दौरान धरना देते हुए रोष प्रदर्शन किया साथ ही सरकार द्वारा मांगे नहीं मानने पर हड़ताल को अनिश्चितकालीन करने का अल्टीमेटम भी दिया।

दादरी के लघु सचिवालय में एसोसिएशन के जिला प्रधान कुलबीर सांगवान व उपप्रधान पवन फोगाट की अगुवाई में हड़ताल के दौरान धरना देते हुए रोष प्रदर्शन किया। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार जनवरी 2016 से 32100 रुपए वेतनमान लागू किया जाए, प्रदेश में पटवारियों के रिक्त पड़े पदों को स्थाई भर्ती से भरा जाए, पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए, जब तक नई भर्तियां नहीं होती तब तक जिस पटवारी को अतिरिक्त चार्ज दिया गया है उसे अन्य राज्यों की तर्ज पर वेतन व भत्ते दिए जाएं आदि मांग रखी। मांग पूरी नहीं होने पर हड़ताल अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दी जायेगी।वहीं अपने कार्य करवाने पहुंचे ग्रामीण संजय कुमार व अशोक ने संयुक्त रूप से बताया कि पटवारियों की हड़ताल का खामियाजा उनको भुगतना पड़ रहा है। कड़कड़ाती ठंड में वे अपने दस्तावेजों पर पटवारियों के हस्ताक्षर करवाने के लिए भटक रहे हैं। एेसे में सरकार को या तो दूसरे कर्मचारियों की ड्यूटियां लगानी चाहिए या फिर पटवारियों के हस्ताक्षरों को बंद कर नई प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। ऐसे तो उनको खासी परेशानियां होंगी।