सीआरपीएफ के जवान गगनदीप सिंह मल्ली ने देश का नाम रोशन किया

उन्होंने बताया कि अब उसे  अगले मैच के लिए अमेरिका से निमंत्रण मिल चुका है। इस मौके पर उन्होंने युवाओं को नशे से दूर रहकर खेलों व शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने ले लिए प्रेरित किया। वहीं उन्होंने अपनी इस कामयाबी का श्रेय अपने परिजनों व अपने कोच जगबीर सिंह को दिया है।   

रादौर || कनाडा के विनिपेग में आयोजित हुई वर्ल्ड पुलिस एंड फायर गेम्स में रादौर के गांव सिकंदरा निवासी सीआरपीएफ के जवान गगनदीप सिंह मल्ली ने शूटिंग प्रतियोगिता में 3 गोल्ड मेडल जीतकर अपने क्षेत्र व देश का नाम रोशन किया है। वर्ल्ड पुलिस प्रतियोगिता में दुनिया के 60 बड़े देशों की पुलिस के जवानों ने भाग लिया। जिसमें अमेरिका, कनाडा, इंग्लैंड व अन्य देश भी शामिल रहे। कनाडा से आज रादौर पहुंचने पर खिलाड़ी गगनदीप का उनके गांव व क्षेत्र के लोगों ने फूलमाला डालकर जोरदार स्वागत किया। 
पत्रकारों से बातचीत में खिलाड़ी गगनदीप सिंह ने बताया कि कनाडा में आयोजित हुई वर्ल्ड पुलिस प्रतियोगिता में 10 मीटर शूटिंग एयर राइफल में गोल्ड मेडल, 50 मीटर परोने राइफल शूटिंग में गोल्ड प्राप्त किया। वहीं तीसरा गोल्ड मेडल संयुक्त रूप से टीम के साथ जीता है। गगनदीप सिंह ने बताया कि जिस प्रकार आज उनका अपने क्षेत्र में पहुंचने पर स्वागत हुआ है, उसी तरह कनाडा में पंजाबी भाईचारे द्वारा उन्हें पूरा मान सम्मान दिया। उन्होंने बताया कि अब उसे  अगले मैच के लिए अमेरिका से निमंत्रण मिल चुका है। इस मौके पर उन्होंने युवाओं को नशे से दूर रहकर खेलों व शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने ले लिए प्रेरित किया। वहीं उन्होंने अपनी इस कामयाबी का श्रेय अपने परिजनों व अपने कोच जगबीर सिंह को दिया है।   

वहीं गगनदीप की इस कामयाबी पर परिवार में भी ख़ुशी का माहौल है। गगनदीप के मामा परमजीत सिंह पम्मी ने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि उन्हें नशे से दूर रहकर खेलों के क्षेत्र में आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह भी खिलाड़ी रहे है और वह अपने गांव के बच्चों को हमेशा खेलों में आगे आने के लिए प्रेरित करते रहते है। उन्होंने कहा कि आज खेलों के क्षेत्र में सरकार बहुत अच्छा कार्य कर रही है। वहीं उन्होंने कहा कि क्षेत्र के कई गांव में खेल स्टेडियम तो बने हुए है, लेकिन बिना रखरखाव के कारण सरकार द्वारा खर्च किये गए करोड़ो रुपए बर्बाद हो रहे है, इसलिए उसकी देखरेख की तरफ भी हम सभी का कर्तव्य बनता है। 
आपको बतादें कि 28 जुलाई 2016 में कुरुक्षेत्र के कस्बा लाडवा में गगनदीप ने शूटिंग का प्रशिक्षण लेना शुरू किया था। बचपन से ही गगनदीप को शूटिंग में रुचि थी। गगनदीप सिंह को जब शूटिंग प्रतियोगिता के लिए राइफल की जरूरत थी, लेकिन उनके पास इतने पैसे नहीं थे। जिसके बाद 2 लाख रुपये की राशि गगनदीप के चाचा बलिहार सिंह ने जर्मन से अपने भतीजे के लिए भेजी थी। जिसके बाद राइफल मिलने पर गगनदीप ने लाडवा में स्थित शूटिंग रेंज में कई वर्षो तक प्रशिक्षण लिया। कड़ी मेहनत के बाद गगनदीप ने देश के लिए कामयाबी हासिल की है।