भिवानी बकाया मांगो के लिए आंगनवाड़ी कर्मीयों ने किया जिला उपायुक्त प्रदर्शन पर प्रदर्शन!

भिवानी || आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हैल्पर्स यूनियन हरियाणा, सम्बंधित सीटू के  आह्वान पर बकाया मांगो को लेकर आज जिले भर की सैकड़ो आंगनबाडी वर्कर्स एण्ड हैल्पर्स ने भिवानी उपायुक्त कार्यालय के सामने भा प्रदर्शन किया व मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार के नाम तहसीलदार भिवानी के मार्फत ज्ञापन भेजा।

भिवानी || आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हैल्पर्स यूनियन हरियाणा, सम्बंधित सीटू के  आह्वान पर बकाया मांगो को लेकर आज जिले भर की सैकड़ो आंगनबाडी वर्कर्स एण्ड हैल्पर्स ने भिवानी उपायुक्त कार्यालय के सामने भा प्रदर्शन किया व मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार के नाम तहसीलदार भिवानी के मार्फत ज्ञापन भेजा। आज के विरोध प्रदर्शन की अध्यक्षता जिला प्रधान राज बाला निनान ने की व संचालन जिला सचिव राजबाला शर्मा एवं राजबाला खानक ने किया। रोष सभा को सम्बोधित करते हुए सीटू व यूनियन नेताओं ने कहा कि हरियाणा में 52000 आंगनवाड़ी वर्कर और हेल्पर की मांगे पिछले कई सालों से लंबित है।

उन्हें अपनी मांगों के लिए निरंतर संघर्ष करना पड़ रहा है। दिवाली का तोहफा का कह कर मोदी जी ने 2018 में 1500 और 750 रुपए बढ़ाने का ऐलान किया था लेकिन वह तोहफा 5 दिवाली जाने के बाद भी आज तक नहीं दिया गया और हड़ताल के दौरान काटा गया मानदेय की राशि भी अभी 25 प्रतिशत ही डाली गई है। आंगनबाडी कर्मीयों की अभी भी 75 प्रतिशत मानदेय की राशि बकाया है, जिसके लिए 28 नवंबर को प्रदेश भर की सभी आंगनवाड़ी वर्कर एंड हेल्परों ने मुख्यालय पंचकूला में अपना प्रदर्शन किया था। उन्होने कहा कि विभाग के अधिकारियों ने हमारे प्रतिनिधियों से शीध्र सभी समस्याओं का समाधान करने का वायदा किया था जो आज तक भी पुरा नहीं किया गया है। विभाग आंगनबाडी कर्मीयों से बिना संसाधन दिए ही काम करवाना चाहता है। मोबाइल फोन का बजट दो साल से सरकार के पास आया हुआ है लेकिन सरकार वर्करो को कोई साधन उपलब्ध नहीं करवा रही।

आधिकारी व सरकार द्वारा दवाब बनाकर बिना संसाधन व उचित मानदेय के उनको ऑनलाइन काम के लिए मजबूर कर रही है और  6 महीने से आंगनबाड़ी केंद्र का किराया विभाग उपलब्ध नहीं करवा रहा है इससे भी कर्मीयों को मानसिक परेशानी से दो चार होना पड़ रहा है। जीन्द में एक वर्कर को निलम्बित किया गया है जो हमारे साथ अन्याय है। उसको तुरन्त बहाल किया जाए। आंगनबाड़ी में कई महिलाएं ऐसी है जिनका काम सिर्फ आंगनबाड़ी के मानदेय से ही चलता है। उन्होने आगे कहा कि आंगनबाडी केन्द्रों में जो लाभार्थियो को राशन उपलब्ध होता है उसका 2 साल से कोई भी मेहनताना ,सिलेंडर का खर्च, कच्ची सब्जियों का खर्च नहीं आ रहा है। जिससे वर्करो और हेल्परो को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। लाभार्थियों को मीनू के अनुसार भी राशन नहीं दिया जा रहा हैं। समय रहते मांगे नही मानी गई तो आंगनबाडी कर्मी दोबारा से आर-पार की लड़ाई के लिए मजबूर होगी।