दादरी का दंपति आत्महत्या मामला में आर्य समाज और कन्या गुरुकुल समिति परिवार के पक्ष में आये

आर्य समाज बाढड़ा और कन्या गुरुकुल महाविद्यालय की ओर से हुई मीटिंग में आर्य समाज व सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी शामिल हुए। इस दौरान पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर विचार-विमर्श किया गया। बाद में प्रतिनिधिमंडल द्वारा थाना प्रभारी को अलग-अलग ज्ञापन भी दिए गए। आर्य समाज और कन्या गुरुकुल महाविद्यालय प्रबंधन समिति की ओर से दिए गए ज्ञापन में बताया गया कि जगदीशचंद और उनकी पत्नी भागली देवी का आत्महत्या करना बेहद दर्दनाक और हृदय विदारक घटना है।

चरखी दादरी। बुजुर्ग दंपती मौत मामले में आर्य समाज बाढड़ा और कन्या गुरुकुल महाविद्यालय प्रबंधन समिति परिवार के पक्ष में उतर आए है। उन्होंने पहले मीटिंग की और फिर बाढड़ा थाने में पहुंचकर एसएचओ कप्तान सिंह से मुलाकात की और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा। जन संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा कि मृतक जगदीशचंद आर्य ने सुसाइड नोट मानसिक परेशानी के चलते लिखा और इसमें लिखी गईं सभी बातें सही नहीं है। उन्होंने कहा कि मृतक दंपती का बेटा और पुत्रवधु ऐसे नहीं हैं।

आर्य समाज बाढड़ा और कन्या गुरुकुल महाविद्यालय की ओर से हुई मीटिंग में आर्य समाज व सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी शामिल हुए। इस दौरान पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर विचार-विमर्श किया गया। बाद में प्रतिनिधिमंडल द्वारा थाना प्रभारी को अलग-अलग ज्ञापन भी दिए गए। आर्य समाज और कन्या गुरुकुल महाविद्यालय प्रबंधन समिति की ओर से दिए गए ज्ञापन में बताया गया कि जगदीशचंद और उनकी पत्नी भागली देवी का आत्महत्या करना बेहद दर्दनाक और हृदय विदारक घटना है। करीब तीन साल पहले भागली देवी को लकवा आ गया था। तब से वे अपने बेटे विरेंद्र के पास रहे रहे थे।

आर्य समाज के प्रधान डॉ देवेन्द्र बोहरा ने कहा कि समाज के लोग जब भी उनसे मिलने जाते थे तो वो साफ-सुथरे वस्त्रों में और अच्छे बिस्तर पर मिलते थे। वो पुत्र विरेंद्र व पुत्रवधु सुनीता के सेवा कार्य की प्रशंसा करते थे। उन्होंने कभी भी सेवा में कमी की चर्चा नहीं की। जगदीशचंद आर्य कन्या गुरुकुल पंचगांव के आजीवन सदस्य रहे और वर्षों तक अधिकारी के तौर पर भी गुरुकुल की सेवा की। उन्होंने आवेश में आकर ये सब लिख और बहुत गलत कदम उठाया। इससे परिवार कलंकित हुआ है और समाज में गलत संदेश गया है। प्रशासन से मांग है कि पूरी और सही जांच कर मामले को निरस्त करने की मांग की।