आनलाइन गेम खेलने वाले हो जाए सावधान

अगर आप भी ऑनलाइन गेम खेलते है तो यह खबर आप के लिए काफी महत्वपूर्ण है। क्यो की साइबर ठग्गो ने ऑनलाइन गेम के नाम पर ठग्गी का नया रास्ता अख्तियार किया है। साइबर क्राइम यूनिट गुरुग्राम ने ऑनलाइन गेमिंग में ज्यादा प्रॉफिट कमाने के नाम पर गेम खिलाने और इन्वेस्टमेंट के नाम पर ठग्गी करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया है। क्राइम यूनिट ने 8 आरोपियो को गिरफ्तार कर इस रैकेट पर लगाम लगाने में सफलता प्राप्त की है। आरोपियो की पहचान सुनील कुमार उर्फ सोनू (संचालक), पवन, अर्षदीप, तरुण, पारसदीप , दीपक , हिमांशु व राजेन्द्र के रुप मे हुई है। एसीपी प्रियांशु दिवान की मॉने तो डीसीपी साइबर क्राइम के निर्देश पर एक रेडिंग पुलिस टीम गठित की गई और बताए गए स्थान पर चलाए जा रहे ऑफिस पर रेड़ की। रेड़ के दौरान आफिस फर्जी तरीके से संचालित होना पाया गया । आरोपियान द्वारा अलग-अलग गेम खिला कर इन्वेस्टमेंट करने के नाम पर धोखाधड़ी करके ठगी की जा रही थी।

अगर आप भी ऑनलाइन गेम खेलते है तो यह खबर आप के लिए काफी महत्वपूर्ण है। क्यो की साइबर ठग्गो ने ऑनलाइन गेम के नाम पर ठग्गी का नया रास्ता अख्तियार किया है। साइबर क्राइम यूनिट गुरुग्राम ने ऑनलाइन गेमिंग में ज्यादा प्रॉफिट कमाने के नाम पर गेम खिलाने और इन्वेस्टमेंट के नाम पर ठग्गी करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया है। क्राइम यूनिट ने 8 आरोपियो को गिरफ्तार कर इस रैकेट पर लगाम लगाने में सफलता प्राप्त की है। आरोपियो की पहचान सुनील कुमार उर्फ सोनू (संचालक), पवन, अर्षदीप, तरुण, पारसदीप , दीपक , हिमांशु व राजेन्द्र के रुप मे हुई है। एसीपी प्रियांशु दिवान की मॉने तो डीसीपी साइबर क्राइम के निर्देश पर एक रेडिंग पुलिस टीम गठित की गई और बताए गए स्थान पर चलाए जा रहे ऑफिस पर रेड़ की। रेड़ के दौरान  आफिस फर्जी तरीके से संचालित होना पाया गया । आरोपियान द्वारा अलग-अलग गेम खिला कर इन्वेस्टमेंट करने के नाम पर धोखाधड़ी करके ठगी की जा रही थी।
एसीपी प्रियांशु दिवान ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि सुनील उर्फ सोनू धोखाधडी के रैकेट का संचालक है तथा वह अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर इस रैकेट को चलाता है। जांच के दौरान पता चला कि इस रैकेट का एक सदस्य श्रीलंका से इस तरह की अवैध गतिविधियां चलाता है । गिरफतार आरोपी सुनील ने सभी  को सेलरी पर रखा हुआ है और ठगी गई राशि में से कमीशन के तौर पर 2 प्रतिशत कमीशन देता है। पुलिस पूछताछ में यह भी ज्ञात हुआ कि यह पिछले 1 वर्ष से अपने एक अन्य साथी तथा आरोपियों के साथ मिलकर यह काम कर रहा है। आरोपी खुद को विभिन्न कंपनियों के कर्मचारी बताकर लोगों से बातचीत करके उनको ऑनलाईन गेमिंग तथा इन्वेस्टमेंट करने के नाम पर विभिन्न बैंक खातों में रुपए ट्रांसफर करवाकर ठगी की वारदात को अंजाम देते थे। ठगी की वारदात को अंजाम देने के लिए व गेमिंग-इन्वेस्टमेंट के लिए वेबसाईट लिंक, बैंक खाता इत्यादि इसका एक अन्य साथी इसे उपलब्ध करवाता था।
आरोपियो द्वारा इस जालसाजी में  प्रयोग किए जाने वाले 28 मोबाईल फोन्स व 3 लैपटॉप पुलिस ने बरामद किए है। साइबर क्राइम यूनिट आरोपियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेने की तैयारी में जुट गई है। रिमांड के दौरान साइबर क्राइम यूनिट आरोपियो से पता लगाने का प्रयास करेगी कि इन लोगो ने कितने लोगों को चुना लगाया है।