लाखों रूपये कि लागत से बनाए गए गावों के कच्चे रास्तें || P24 News

रादौर के गांव बापौली में लाखों रुपए की लागत से पंचायत विभाग द्वारा करवाए गए कार्य में ठेकेदार की लापरवाही सामने आई है। जिसकी सूचना ग्रामीणों ने पूर्व राज्यमंत्री कर्णदेव काम्बोज को की, जिसके बाद पूर्व मंत्री मौके पर पहुंचे तो कच्चे रास्ते को पक्का करने के कार्य में हुई धांधली को देख वे भड़क गए।

लाखों रूपये कि लागत से बनाए गए गावों के कच्चे रास्तें || P24 News

Radaur || Neha Rajput || रादौर के गांव बापौली में लाखों रुपए की लागत से पंचायत विभाग द्वारा करवाए गए कार्य में ठेकेदार की लापरवाही सामने आई है। जिसकी सूचना ग्रामीणों ने पूर्व राज्यमंत्री कर्णदेव काम्बोज को की, जिसके बाद पूर्व मंत्री मौके पर पहुंचे तो कच्चे रास्ते को पक्का करने के कार्य में हुई धांधली को देख वे भड़क गए। ग्रामीणों ने उन्हें दिखाया कि किस प्रकार इस कार्य में घटियां स्तर की ईंटे लगाकर धांधली की गई है। निरीक्षण के बाद पूर्व मंत्री ने विभाग के जेई तरसेम पाल को मौके पर बुलाया और इस कार्य को लेकर जवाब मांगा तो जेई के चेहरे की हवाइयां उड़ गई। वह ठीक से उन्हें कोई जवाब नहीं दे पाए। जिस पर पूर्व मंत्री ने उन्हें लताड़ लगाते हुए इस कार्य की जांच कर ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करने के निर्देश दिए। पूर्व मंत्री ने कहा कि वह इस कार्य की देखरेख करने वाले अधिकारियों की शिकायत भी मुख्यमंत्री से कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करेगें। 

भाजपा सरकार भले ही प्रदेश में भ्रष्टाचार मुक्त कार्य के दावे कर रही है, लेकिन अधिकारी किस कदर सरकारी कार्यो में लापरवाही बरत रहे है, इसकी एक बानगी रादौर के गाँव बापौली में देखने को मिली जहाँ, लाखों रुपए की लागत से कच्चे रास्ते को पक्का किये जाने के कार्य में ठेकेदार ने न केवल घटिया स्तर की ईंटे लगाई गई, बल्कि कार्य में भी लापरवाही बरती गई। लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि इस बारे उन्होंने कई बार पंचायत विभाग को भी सूचित किया, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी आँखे मूंद कर बैठे रहे। एक स्थानीय ग्रामीण बलबीर हुड्डा ने बताया कि पंचायती राज विभाग की ओर से उनके गांव के खेतों से होकर जाने वाले रास्ते को ईंटो के माध्यम से पक्का करवाया गया था। जिसका करीब 19 से 20 लाख रुपए का खर्च बताया जा रहा है। ठेकेदार ने इस कार्य में बड़े स्तर पर धांधली की है। निर्माण कार्य में प्रयोग की गई सभी ईंटे घटिया स्तर की है, जो थोड़ा सा वजन भी सहन नहीं कर सकती। इतना ही नहीं आधे अधूरे इस कार्य में ठेकेदार ने बरम बनाने का कार्य भी नहीं किया। जिससे अब यह ईंटें भी साइड से उखड़ना शुरू हो गई है। घटिया ईंटो की शिकायत उन्होंने कई बार स्थानीय व जिले के अधिकारियों से की लेकिन मिलीभगत के चलते ग्रामीणों के विरोध के बाद भी इस कार्य को इन्हीं ईंटो से पूरा कर दिया गया। ईंटे इतनी घटिया है कि देखने मात्र से ही कार्य में हुई धांधली साफ तौर पर नजर आ जाती है।जांच के बाद दोषी ठेकेदार व अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। ताकि भविष्य में अन्य जगहों पर इस प्रकार सरकार के पैसे का दुरुपयोग न हो।
वही मौके पर पहुंचे पूर्व मंत्री कर्णदेव काम्बोज ने कहा कि ग्रामीणों की शिकायत पर वह इस कार्य का निरीक्षण करने पहुंचे थे। यहां उन्होंने देखा कि ग्रामीणों की शिकायत जायज है। इस कार्य में प्रयोग की गई ईंटे बहुत ही घटियां स्तर की है। वह इस मामले को विभाग के उच्चाधिकारियों के  समक्ष रखेगें। वहीं कार्य की देखरेख का जिम्मा जिन अधिकारियों के पास था उनकी शिकायत मुख्यमंत्री से करेगें।
वही पंचायत राज विभाग के जेई तरसेम ने बताया कि फिलहाल ठेकेदार को इस कार्य की पेमेंट नहीं की गई है। साथ ही उसे नोटिस भी दिए गए है। जिसमें इन ईंटो को बदलने बारे कहा गया है। अगर ठेकेदार ने अपने कार्य को ठीक नहीं किया तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी और उसकी पेमेंट भी नहीं की जाएगी।
जिस प्रकार ग्रामीण ये आरोप लगा रहे है की उन्होंने कई बार संबंधित अधिकारियों से इस कार्य में धांधली की शिकायत किये जाने के बाद भी अधिकारियों की देखरेख में हुआ यह कार्य पूरी तरह से भ्रष्टाचार को उजागर कर रहा है। जिसके लिए ठेकेदार के साथ साथ अधिकारी भी दोषी है। इसलिए इस कार्य की जांच होनी चाहिए और इस कार्य को दोबारा से करवाया जाना चाहिए।