बुजुर्गों के योगदान से बनती है नई पीढ़ी सुसंस्कृत

नई पीढ़ी को सुसंस्कृत बनाने के लिए बुजुर्गों का योगदान हमेशा रहता है। आज भी बुजुर्गों के अनुभव और सीख को आत्मसात कर भावी पीढ़ी नई सोच के साथ विकास की ओर अग्रसर हो रही है।

बुजुर्गों के योगदान से बनती है नई पीढ़ी सुसंस्कृत

|| Sohna, Haryana || Aditya Kumar || नई पीढ़ी को सुसंस्कृत बनाने के लिए बुजुर्गों का योगदान हमेशा रहता है। आज भी बुजुर्गों के अनुभव और सीख को आत्मसात कर भावी पीढ़ी नई सोच के साथ विकास की ओर अग्रसर हो रही है। यह बात वयापार मंडल के अध्यक्ष मनोज बजरंगी ने अग्रवाल धर्मशाला में  किरयाना वयापार मंडल के तत्वाधान आयोजित बुजुर्ग किरयाना व्यपारी सम्मान समारोह में कही।

मनोज बजरंगी प्रधान वयापार मंडल ने बताया कि अध्यक्ष ने कहा कि बुजुर्गों को हर दिन मान-सम्मान देकर उनकी सीख और अनुभवों का लाभ लेना चाहिए। बुजुर्गों का सम्मान नई पीढ़ी को रस्म समझकर नहीं करना चाहिए बल्कि इसे अपना फर्ज मानना चाहिए क्योंकि बुजुर्गों ही नई पीढ़ी की नींव हैं और उन्हीं के बताए रास्ते पर नई पीढ़ी को जीवन में आगे जाना है।इस मौके पर वरिष्ठ नागरिकों एवं बुजुर्गों को शाॅल एवं   समर्ति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया।