महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक और मानसिक रूप से मजबूत होना

महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक और मानसिक रूप से मजबूत होना होगा।महिलाएं देश और दुनिया के हर क्षेत्र में अपना बेहतरीन योगदान दे रही हैं।इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि आज के समाज में महिलाओं का योगदान पुरुषों के बराबर ही रहा है, बल्कि वे पुरुषों से भी आगे निकल गई हैं।

महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक और मानसिक रूप से मजबूत होना

|| Gurugram || Kartik Bhardwaj || मालाबार चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा सीएसआर के तहत मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाती | कार्यक्रम में पहुंचे पूर्व डिप्टी मेयर परमिंदर कटारिया के अनुसार बच्चों को शिक्षित होकर समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी | शिक्षा के बिना व्यक्ति का जीवन शून्य है। महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक और मानसिक रूप से मजबूत होना होगा।महिलाएं देश और दुनिया के हर क्षेत्र में अपना बेहतरीन योगदान दे रही हैं।इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि आज के समाज में महिलाओं का योगदान पुरुषों के बराबर ही रहा है, बल्कि वे पुरुषों से भी आगे निकल गई हैं।

शिक्षा के क्षेत्र से लेकर स्वास्थ्य के क्षेत्र और कई ऐसे क्षेत्रों में, जिसकी कल्पना पहले की सामाजिक स्थिति में असंभव थी, महिलाओं ने उन सभी क्षेत्रों में विशेष योगदान दिया है।दुख की बात है कि समाज में अभी भी कुछ लोग ऐसे हैं जो महिलाओं को घर की चार दीवारी में ही पसंद करते हैं।अभी भी न केवल भारत में बल्कि विकासशील देशों में भी महिलाओं की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है।

समाज में फैली कुरीतियों से अगर सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है तो वह महिलाएं हैं।सभी देशों में महिलाओं की स्थिति विचार करने योग्य है।21वीं सदी में भी आज महिलाएं अपने अधिकारों से वंचित हैं।कई शताब्दियों से महिलाओं द्वारा अपने अधिकारों के लिए कई प्रयास किए गए हैं और आज भी वे अपने मूल अधिकारों के लिए संघर्ष कर रही हैं।भारत एक ऐसा देश है जहां शुरू से ही पुरुष प्रधान रहा है।महिलाओं के अस्तित्व को पहले ही दरकिनार कर दिया गया है।अक्सर देखा गया है कि महिलाओं को वह सम्मान नहीं मिला है जिसकी वे हकदार हैं।वे सभी प्रथाएं जो महिलाओं के अधिकारों को कुचल रही हैं।समय के साथ इनमें कुछ बदलाव किए गए, लेकिन धरातल पर इन्हें लागू नहीं किया गया। न जाने कितनी लड़कियाँ आज भी शिक्षा के अधिकार से कोसों दूर हैं।लड़कियों को जन्म से पहले ही मार दिया जाता है या बेच दिया जाता है | उन्हें बोझ समझा जाता है, जो आज भी समाज में चल रहा है।यदि मालाबार ट्रस्ट द्वारा छात्रवृत्ति दी जाती है तो इन छात्रों का भविष्य निश्चित रूप से सुधरेगा।