पूंडरी के विद्यालय में गन्दा पानी पीने को बेवस हुए विद्यार्थी

पीने का पानी को लेकर बच्चों के स्वास्थ्य से कोई खिलवाड़ नहीं किया जा सकता। जो कि इस स्कूल के बच्चों के साथ हो रहा है। मिड डे मील के लिए तो कैंपर बाहर से मंगवा लिये गये, लेकिन पीने का पानी बच्चों को इसी बोरवैल का मजबूरन पीना पड़ रहा है।

पूंडरी के विद्यालय में  गन्दा पानी पीने को बेवस हुए विद्यार्थी

पुण्डरी (विजय मेगलानी ) || पुण्डरी के कस्बे के सबसे बड़े प्राचीन राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में पीने के पानी के बोरवैल के पास बड़ा गड्डा हादसों का सरेआम न्यौता दे रहा है, तो वहीं स्कूल के बच्चों को इस बोरवैल का गंदा पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है। स्कूल के एस.एम.सी.प्रधान राजेश कुमार ने सोमवार को नगरपालिका के पार्षदों सहित नपा सचिव बलबीर रोहिला को बुलाकर मौका करवाया। एस.एम.सी.प्रधान ने बताया बारिशों के दिनों सैनी कालौनी का सारा गंदा पानी स्कूल में एकत्रित हो जाता है और पीने के पानी के बोरवैल के पास से जमीन में चला जाता है।जब इसी बोरवैल का गंदा पानी बच्चों के पीने की पानी की टंकी में भर दिया जाता है। ऐसा नहीं है कि इस बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है। एस.एम.सी.प्रधान राजेश ने बताया कि उन्होंने इस बारे में स्कूल के प्रधानाचार्य गिरीश कौशिक को कई बार अवगत करवाया, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने बताया किएस.एम.सी.प्रधान ने कहा कि अब तो उन्होंने स्कूल आकर इस समस्या को देख लिया यदि वे स्कूल नहीं आते तो क्या बच्चे इसी तरह गंदा पानी पीते। एसएससी प्रधान व समाजसेवी अनिल आर्य का कहना है कि कई दिनों से बोरवेल का गड्डा बना हुआ है और जो बढ़ता ही जा रहा था लेकिन किसी हादसे की आशंका के चलते उन्होंने गड्डे को कुछ हद तक भर दिया है। गनीमत यह रही कि इसके पास स्कूल का बच्चा नहीं आया। वरना कोई भी हादसा घट सकता था। कस्बा वासियों का कहना है कि स्कूल प्रशासन को इसको गंभीरता से लेना चाहिए था। बोरवेल के इन गड्डों ने न जाने कितनी माताओं के लाल निगल लिए। बावजूद इसके कैसे कोई इसकी अनदेखी कर सकता है। यह बात उनकी समझ से परे है। क्या कहते है