कैथल : सरकार की नीतियों के विरोध में कर्मचारी संगठनों ने किया प्रदर्शन,पीएम और सीएम को भेजा मांगों का ज्ञापन...

सरकार की नीतियों के विरोध में कर्मचारी संगठनों ने किया प्रदर्शन, सैकड़ो कर्मचारियों ने निकला शहर में रोष मार्च और कैथल के लघु सचिवालय में तहसीलदार के माध्यम से |

कैथल : सरकार की नीतियों के विरोध में कर्मचारी संगठनों ने किया प्रदर्शन,पीएम और सीएम को भेजा मांगों का ज्ञापन...

कैथल (विपिन शर्मा) || सरकार की नीतियों के विरोध में सर्व कर्मचारी संघ के बैनर तले सभी विभागों के कर्मचारियों व अध्यापकों ने जवाहर पार्क में प्रदर्शन किया। इसके बाद रोष मार्च निकालते हुए वे मिनी सचिवालय पहुंचे और पीएम तथा सीएम के नाम तहसीलदार को ज्ञापन दिया। अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी फेडरेशन और सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ, सफाई कर्मचारी संघ, रोडवेज कर्मचारी संघ के नेताओंं ने कहा कि सरकार ने फेडरेशन व संघ के आग्रह को ठुकरा कर मनमर्जी से एकतरफा फैसले कर श्रम कानूनों को पूंजीपतियों के हकों में समाप्त करने का काम किया है।बिजली व प्रतिरक्षा जैसे अति आवश्यक विभागों सहित सभी पीएसयू को निजीकरण के लिए खोल दिया है। स्वास्थ्य विभागों के कर्मचारी हों या अन्य आवश्यक सेवाओं सहित अन्य विभागों के कर्मचारी, सभी जनता की सेवा में दिन-रात काम कर रहे हैं। बार-बार अपील करने के बावजूद भी स्वास्थ्य, पुलिस व सफाई कर्मियों को पीपीई किट तक उपलब्ध नहीं करवाई गई है। उन्होंने मांग की कि स्वास्थ्य विभाग सहित कोविड-19 में काम कर रहे सभी विभागों के नियमित व अनियमित कर्मचारियों को कोविड-19 संक्रमण से बचने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपकरण दिए जाएं और सभी को एक समान 50 लाख एक्सग्रेसिया बीमा योजना में शामिल किया जाए। उनकी अन्य मांगों में स्वास्थ्य विभाग के सिक्योरिटी गार्ड समेत अन्य पदों पर कार्यरत ठेका कर्मचारियों की प्रस्तावित छंटनी पर रोक लगाई जाए, कार्यमुक्त किए 1983 पीटीआई शिक्षकों को सेवा सुरक्षा प्रदान की जाए, कर्मचारियों एवं पेंशनर्ज के महंगाई भत्ता पर जुलाई, 2021 तक बढ़ोतरी न करने और एलटीसी पर एक साल तक लगाई गई रोक को हटाया जाए, एनपीएस रद्द कर जनवरी, 2006 से सेवा में आए कर्मचारियों को पुरानी पेंशन नीति में शामिल किया जाए, शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं का राष्ट्रीयकरण किया जाए, बिजली, परिवहन सहित सार्वजनिक क्षेत्र के निजिकरण पर रोक लगाई जाए, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को अप्रैल महीने में गेहूं खरीदने के लिए मिलने वाले ब्याज मुक्त ऋण का पत्र अविलंब जारी किया जाए |वर्ष 2015 में 1035 टीजीटी (अंग्रेजी) सहित 1538 विज्ञापित पदों के जल्द परिणाम घोषित कर उन्हें ज्वाइन करवाया जाए, नई भर्ती पर लगाई गई रोक हटाकर सभी रिक्त पदों को नियमित भर्ती से भरा जाए, लोकतांत्रिक गतिविधियों को रोकने के लिए बनाए गए यूएपीए जैसे काले कानून को समाप्त किया जाए और इसके तहत झूठे मुकदमों में गिरफ्क्रतार किए गए सोशल एक्टिविस्ट को बिना शर्त रिहा किया जाए तथा धारा 311 (2 एबीसी) खत्म की जाए।