राजधानी दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के पार पहुंचा।

दिल्ली में यमुना किनारे के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए एक निकासी अलर्ट घोषित किया गया है, जिसमें नदी में जल स्तर 206.11 मीटर तक बढ़ रहा है, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर है और इस साल अब तक का सबसे अधिक है। अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार बारिश हो रही है जिसकी वजह यह अल्रर्ट जारी किया जा रहा हैं ।

राजधानी दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के पार पहुंचा।

Delhi (Riya Sharma) ||  दिल्ली में यमुना किनारे के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए एक निकासी अलर्ट घोषित किया गया है, जिसमें नदी में जल स्तर 206.11 मीटर तक बढ़ रहा है, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर है और इस साल अब तक का सबसे अधिक है। अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार बारिश हो रही है जिसकी वजह से यह अल्रर्ट जारी किया जा रहा हैं । 

दिल्ली के अलीपुर यमुना में पानी का जलस्तर खतरे के निशान से काफी ऊपर बहने लगा जिसके बाद आसपास के जो किसान है वह भी कहीं ना कहीं परेशान नजर आ रहे क्योंकि उनकी फसल कटाई पर थी लेकिन अब यमुना का जलस्तर कुछ अचानक से बढ़ने लगा जिससे कि उनकी फसल खराब होने का खतरा बना हुआ है। किसान अपनी फसल को समय से पहले काटने में जुटे हैं ताकि यमुना के बढ़ते भाव से कहीं उनकी फसल खराब ना हो जाए, जिस पर  किसानों का यही कहना है कि हमारी महीनों की मेहनत और लाखों रूपे की लागत बर्बाद हो जाएगी।

अलीपुर डीएम ने भी यमुना किनारे आकर मौके का जायजा लिया और साथ ही बताया कि यमुना का जलस्तर काफी बढ़ रहा है और आज पानी का जलस्तर और भी बढ़ जाएगा जिसे कि जो किसान है उनकी फसल डूब भी सकते हैं यदि किसी किसान की फसल खराब होती है तो उनको मुआवजा भी दिया जाएगा।

जमुना के आसपास कोई भी व्यक्ति ना जाए उसी को देखते हुए सिविल डिफेंस के वॉलिंटियर हर ठोकर पर खड़े कर दिए जिससे कि यमुना में बढ़ते पानी से किसी के जान माल का खतरा ना हो और किसी को हानि ना पहुंचे पूरे यमुना पुस्ते पर दिल्ली पुलिस की पेट्रोलिंग लगातार जारी है।

पूर्वी दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट अनिल बांका ने कहा कि जलस्तर 206 मीटर के स्तर को पार करने के बाद मंगलवार सुबह निकासी अलर्ट जारी किया गया था। उन्होंने कहा, "नदी के किनारे निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को खाली कराया जा रहा है और ऊंचे स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है। सरकारी स्कूलों और आसपास के इलाकों में रैन बसेरों में उनके ठहरने की व्यवस्था की गई है।" इसके आलावा उन्होने यह भी कहा कि जल स्तर में और वृद्धि के बारे में लोगों को सावधान करने के लिए घोषणाएं की जा रही हैं।

दिल्ली में नदी के पास के निचले इलाकों को बाढ़ की चपेट में आने की संभावना है  और वहां लगभग 37,000 लोगों के घर हैं।  दो महीने के भीतर यह दूसरी बार है जब अधिकारी निचले इलाकों में बाढ़ के कारण नदी के आसपास के मैदानों में रहने वाले लोगों को निकाल रहे हैं।

यमुना ने 12 अगस्त को 205.33 मीटर के खतरे के निशान को पार कर लिया था, जिसके बाद लगभग 7,000 लोगों को नदी के किनारे के निचले इलाकों से निकाला गया था। दिल्ली बाढ़ नियंत्रण कक्ष ने कहा कि पुरानी दिल्ली रेलवे पुल पर जल स्तर मंगलवार सुबह 5.45 बजे निकासी स्तर 206 मीटर को पार कर गया। सुबह 8 बजे तक नदी बढ़कर 206.16 मीटर हो गई जिस वजह से मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की कि दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे के बीच जल स्तर बढ़कर 206.5 मीटर हो सकता है।

अधिकारियों ने हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से सुबह 7 बजे लगभग 96,000 क्यूसेक पानी छोड़ने की सूचना दी। सोमवार सुबह छह बजे डिस्चार्ज रेट 2,95,212 क्यूसेक था, जो इस साल अब तक का सबसे ज्यादा है। एक क्यूसेक 28.32 लीटर प्रति सेकेंड के बराबर होता है। आम तौर पर हथिनीकुंड बैराज में प्रवाह दर 352 क्यूसेक होती है, लेकिन जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद पानी का बहाव बढ़ जाता है। बैराज से छोड़े गए पानी को राष्ट्रीय राजधानी तक पहुंचने में आमतौर पर दो से तीन दिन लगते हैं।
उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तरी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है। दिल्ली में भी 21 सितंबर से चार दिन तक चलने वाली बारिश दर्ज की गई हैं। यमुना नदी प्रणाली के जलग्रहण क्षेत्र में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और दिल्ली के कुछ हिस्से शामिल हैं।