गुरुग्राम में सर्कल रेट बढ़ाने की तैयारी में प्रदेश सरकार!

गुरुग्राम  || साइबर सिटी गुरुग्राम में आने वाली एक जनवरी से जमीन के रेट आसमान छूने वाले हैं। जिला उपायुक्त द्वारा निर्धारित कलेक्टर रेट यानी सर्किल रेट शहर में करीब 80% से ज्यादा बढ़ सकते हैं। जिसका खामियाजा निम्न एवम मध्यम वर्गीय उन परिवारों पर पड़ सकता है जो कि साइबर सिटी में अपने घर का सपना संजोए बैठे है।

गुरुग्राम  || साइबर सिटी गुरुग्राम में आने वाली एक जनवरी से जमीन के रेट आसमान छूने वाले हैं। जिला उपायुक्त द्वारा निर्धारित कलेक्टर रेट यानी सर्किल रेट शहर में करीब 80% से ज्यादा बढ़ सकते हैं। जिसका खामियाजा निम्न एवम मध्यम वर्गीय उन परिवारों पर पड़ सकता है जो कि साइबर सिटी में अपने घर का सपना संजोए बैठे है। हालांकि 2022 में भी प्रदेश सरकार ने गुरुग्राम में रिहायशी और कृषि भूमि के सर्कल रेटो में बढ़ोतरी की थी,जिससे अभी तक साइबर सिटी के लोग उभर भी नही पाए थे कि इस बात सरकार ने 80 प्रतिशत तक कि बढ़ोतरी करने का मन बना लिया है। इस बार सर्किल रेट सॉफ्टवेयर के द्वारा निर्धारित किए जाएंगे।  यही नहीं पिछली रजिस्ट्रीयो के आधार पर सर्किल रेट निर्धारित होंगे। हालांकि जिला प्रशासन ने सर्कल रेट बढ़ाए जाने को लेकर रिपोर्ट प्रदेश सरकार को सौप दी है। ऐसे में देखना होगा कि प्रदेश सरकार इस पर क्या फैसला लेती है। 

गुरुग्राम में 2024 के लिए रिहाईशी और कृषि भूमि के नए सर्किल रेट  निर्धारित करने की तैयारी में प्रदेश सरकार जुट गई है। इस बार गुरुग्राम की सभी तहसीलों में सॉफ्टवेयर के द्वारा यह सर्किल रेट तय किए जाएंगे। सॉफ्टवेयर के मार्फत उसे तहसील में हुई सबसे बड़ी रजिस्ट्री के आधार पर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उसे क्षेत्र का सर्किल रेट क्या होगा। गुरुग्राम में इस बार 80% तक सर्किल रेट बढ़ सकते हैं। इसमें रिहायशी और  कृषि भूमि शामिल होगी। गुरुग्राम जिला प्रशासन की तरफ से सॉफ्टवेयर द्वारा सुनिश्चित किए गए सर्किल रेट को वेबसाइट पर डाल दिया गया है। यदि किसी व्यक्ति को सर्किल रेट बढ़ने और यह काम लगने पर किसी तरह का कोई आपत्ति है तो वह आपत्ति दर्ज कर सकता है।  इसके लिए 7 दिसंबर तक का समय दिया गया है। आपत्ति नहीं आने पर दिसंबर एंड तक सर्किल रेट सुनिश्चित कर दिए जाएंगे और उन्हें निर्धारित कर 1 जनवरी से लागू कर दिया जाएगा।

गुरुग्राम में कुल 8 तहसील है  और इन सभी तहसीलों में जो पिछली रजिस्ट्री हुई है उनके आधार पर जो सबसे ज्यादा रेट से रजिस्ट्री हुई है उसे रजिस्ट्री और अन्य रजिस्ट्रियों के आधार पर सॉफ्टवेयर ही इस सुनिश्चित करेगा कि वहां का सर्किल रेट कितना बनना चाहिए। इस तरह की प्रक्रिया से सरकार को रेवेन्यू को फायदा भी होगा तो वही मार्केट में चल रहे जमीन के रेट से इर्द-गिर्द रहेगा, लेकिन इस बार सर्किल रेट बनने से जमीन के दाम आसमान छू सकते है।