भाजपा में बग़ावत के बीज,कमल खिलने की उम्मीद कम

बहादुरगढ़ नगर परिषद अध्यक्ष का नाम घोषित करते ही भाजपा में बगावत के सुर सामने आने लगे हैं। बहादुरगढ़ के बीजेपी पार्टी के ओबीसी नेताओं ने मिलकर पार्टी के खिलाफ ओबीसी कैंडिडेट उतारने का निर्णय लिया है।

भाजपा में बग़ावत के बीज,कमल खिलने की उम्मीद कम

Bahadurgarh (Yogendra Saini) : बहादुरगढ़ नगर परिषद के अध्यक्ष पद का नाम घोषित करते ही भाजपा में बगावत के सुर सामने आने लगे हैं। बहादुरगढ़ के बीजेपी पार्टी के ओबीसी नेताओं ने मिलकर पार्टी के खिलाफ ओबीसी कैंडिडेट उतारने का निर्णय लिया है। भाजपा ओबीसी प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष धर्मवीर वर्मा ने पार्टी का सिंबल भी ठुकरा दिया है। शहर के वार्ड 20 से धर्मवीर वर्मा को बीजेपी ने पार्षद पद का उम्मीदवार बनाया है। जबकि धर्मवीर वर्मा अध्यक्ष पद की टिकट मांग रहे थे। इसी से नाराज होकर उन्होंने पार्टी के सिंबल को ठुकरा कर निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरने की घोषणा की है।बहादुरगढ़ नगर परिषद से घोषित प्रत्याशी सरोज बाला राठी के खिलाफ बीजेपी नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है। भाजपा ओबीसी वर्ग के नेता पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे सीएम विंडो के एमिनेंट पर्सन भी भाजपा के खिलाफ एकजुट हुए हैं। ओबीसी वर्ग के नेताओं का कहना है कि संगठन ने उनके वर्ग के साथ अन्याय किया है। अगर पार्टी उन्हें संगठन से निकालना चाहती है तो भी उन्हें निकाल भी सकते हैं। भाजपा नेताओं ने बहादुरगढ़ के पूर्व विधायक नरेश कौशिक पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि उन्होंने नगर परिषद में घोटाले किए हैं जिसकी शिकायत उन्होंने बीजेपी संगठन और मुख्यमंत्री को भी की। लेकिन उनके खिलाफ आज तक किसी तरीके की कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई।

ओबीसी वर्ग के बीजेपी से जुड़े नेताओं का कहना है कि सुबह कल सभी अपना अपना नॉमिनेशन फाइल करेंगे और बाद में किसी एक पंचायती उम्मीदवार के जरिए नगर परिषद के अध्यक्ष पद के लिए चुनावी ताल ठोकेंगे। अध्यक्ष पद की उम्मीदवार नेहा शेखर यादव के कार्यालय में ओबीसी वर्ग के नेताओं की बैठक हुई इस बैठक में दर्जन भर से ज्यादा बीजेपी संगठन से जुड़े पुराने नेता शामिल रहे। सभी ने बीजेपी संगठन और पार्टी पर उनकी आवाज दबाने के आरोप लगाए हैं और आने वाले नगर निकाय चुनाव में बीजेपी कैंडिडेट सरोज बाला राठी के विरोध में चुनाव प्रचार करने और चुनाव लड़ने की बात कही है। इतना ही नहीं इन नेताओं में इतना रोष है कि उन्होंने किसी भी दबाव में चुनाव नॉमिनेशन वापस नहीं लेने की बात कही है और अगर पार्टी कोई संगठनात्मक कार्रवाई उनके खिलाफ करना चाहती हैं तो यह नेता उसके लिए भी पूरी तरह से तैयार है।बीजेपी नेताओं के यह बगावती सुर आना भी लाजमी है क्योंकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि कोर्ट में भले ही ओबीसी आरक्षण को खत्म कर दिया हो लेकिन जहां जहां ओबीसी के लिए सीटें आरक्षित की गई थी वहां बीजेपी ओबीसी वर्ग के कैंडिडेट को ही अपना उम्मीदवार बनाएगी लेकिन अब बहादुरगढ़ से कर्मवीर राठी के भतीजे रमेश की पत्नी सरोज बाला राठी को कैंडिडेट के तौर पर मैदान में उतारने की घोषणा की गई है इसी से ओबीसी वर्ग के नेता नाराज है।