हरियाणा बंद के दौरान किसानों ने बहादुरगढ़ में हाईवे किया जाम

आमजन की परेशानी को भांपकर किसानों को पुलिस अधिकारी समझाते हुए नजर आए। लेकिन आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष रमेश दलाल कतई मानने को तैयार नहीं दिखे। उन्होंने कहा कि लंबे समय से वह अपना आंदोलन गांधीगिरी के माध्यम से चला रहे थे। लेकिन लगता है कि सरकार गांधीगिरी की बात कतई समझने वाली नही है।

बहादुरगढ़ || 25 सूत्रीय मांगों को लेकर भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति द्वारा बुधवार के लिए दी गई हरियाणा बंद की कॉल का असर बहादुरगढ़ में साफ तौर पर देखने को मिला। यहां किसानों ने बहादुरगढ़ में हाईवे जाम कर दिया। जाम के दौरान किसान सडक़ के बीचोबीच बैठ गए और जमकर नारेबाजी की। इस दौरान कई-कई किलोमीटर दूर तक वाहनों की लंबी लाईन लग गई। वाहनों को डायवर्ट पुलिस द्वारा वैकल्पिक रास्तों से किया गया। जाम लगाने वालों में महिलाएं भी काफी संख्या में शामिल रही। महिला किसानों ने भी सडक़ के बीचोंबीच बैठकर नारेबाजी की। हरियाणा बंद की कॉल के दौरान बहादुरगढ़ के बाजार तो रोजमर्रा की तरह खुले रहे। लेकिन किसानों ने हाईवे पर बैठकर जाम जरूर लगा दिया। आमजन की परेशानी को भांपकर किसानों को पुलिस अधिकारी समझाते हुए नजर आए। लेकिन आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष रमेश दलाल कतई मानने को तैयार नहीं दिखे।

उन्होंने कहा कि लंबे समय से वह अपना आंदोलन गांधीगिरी के माध्यम से चला रहे थे। लेकिन लगता है कि सरकार गांधीगिरी की बात कतई समझने वाली नही है। इसलिए उन्होंने यह रास्ता अपनाया है। पुलिस अधिकारियों ने किसानों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन किसानों ने केएमपी की तरफ भी बढऩे का प्रयास किया। परन्तु बीच रास्ते में पुलिस ने उन्हें रोक लिया। कानून व्यवस्था न बिगड़े इसके लिए झज्जर जिले मेें पांच कम्पनियां पुलिस की तैनात की गई है। केएमपी पर भी भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

किसान संगठनों और खाप पंचायतों ने रेल और सडक़ बंद करने की चेतावनी भी दे  रखी है। एसडीएम अनिल यादव का कहना है कि किसानों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है। उनकी मांगेें संज्ञान में है। जिन्हेें ऊपर भेजा गया है। उम्मीद है कि जो जरूरी मांग है उन्हें मान लिया जाएगा। किसानों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है। किसान नेता रमेश दलाल का कहना है कि देश मेें दो प्रकार के आंदोलन चल रहे है। एक गांधीगिरी का और दूसरा आंदोलन जो चल रहा है वह बॉर्डर पर है। हमारी हरियाणा बंद की कॉल थी। इस हरियाणा बंद की कॉल में कोई पानी को भी रोक सकता है और कोई जाम भी लगा सकता है। यह अपना अलग-अलग तरह का आक्रोष है।