गुरुग्राम में नगर निगम के छटनी ग्रस्त कर्मचारियों का फूटा गुस्सा

वहीं इन कर्मचारियों का ईपीएफ व ईएसआई भी ठेकेदारों द्वारा उनके खातों में जमा नहीं किया गया है। हरियाणा सरकार कर्मचारी और सामाजिक न्याय विरोधी साबित हुई है। भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने का भी दावा पूरी तरह से विफल हो गया है। उन्होंने कहा कि समाज में सबसे गरीब पिछड़े दलित समुदाय के लोग सफाई जैसा घृनित् कार्य कर अपना गुजरा करने वालों को भी सरकार न्याय नहीं दे पा रही।

गुरुग्राम || साइबर सिटी गुरुग्राम में नगर निगम के छटनी ग्रस्त कर्मचारियों का गुस्सा उस समय देखने को मिला जब सभी कर्मचारी विधायक के आवास पर पहुँच गए और नारेबाजी करने लगे। दरअसल नगर निगम ने 3480 कर्मचारियों की छटनी कर घर भेज दिया था। छटनी के दौरान नौकरी जाने के बाद से यह सभी कर्मचारी धरने पर बैठे हुए है। विधायक आवास पर पहुंचे कर्मचारियों की मने तो वह विधायक सुधीर सिंगला से यह पूछना चाहतें है कि क्या छटनी ग्रस्त कर्मचारियों की बहाली होगी या नहीं। वहीं निगम के कर्मचारियों ने ऐलान किया है कि सरकार के खिलाफ रोहतक में होने वाली 15 अक्टूबर की रैली में गुरुग्राम से रोहतक तक पैदल पदयात्रा करेंगे। इस दौरान कर्मचारी गांव-गांव जाकर सरकार की कर्मचारी, मजदूर, किसान विरोधी नीतियों का खुलासा करेंगे। 

नगरपालिका कर्मचारी संघ, हरियाणा के जिला प्रधान नरेश मलक्ट कि मानें तो हरियाणा सरकार ने गुरुग्राम के 3480, रोहतक नगर निगम के 500 कर्मचारियों तथा विभिन्न पालिकाओं, परिषदों, नगर निगमो व अग्निशमन विभाग के ग्रुप सी, ग्रुप, डी व सफाई  सीवर अग्निशमन के लगभग 5 हजार कर्मचारियों की छटनी कर बेरोजगार कर दिया है। छटनी ग्रस्त कर्मचारियों का ठेकेदारों द्वारा चार-चार महीने का वेतन नहीं दिया गया है। जिस कारण यह कर्मचारी भुखमरी के शिकार हो रहे हैं। वहीं इन कर्मचारियों का ईपीएफ व ईएसआई भी ठेकेदारों द्वारा उनके खातों में जमा नहीं किया गया है। हरियाणा सरकार कर्मचारी और सामाजिक न्याय विरोधी साबित हुई है। भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने का भी दावा पूरी तरह से विफल हो गया है। उन्होंने कहा कि समाज में सबसे गरीब पिछड़े दलित समुदाय के लोग सफाई जैसा घृनित् कार्य कर अपना गुजरा करने वालों को भी सरकार न्याय नहीं दे पा रही। उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान का नारा जहां प्रदेश की जनता के साथ एक छलावा है, वहीं स्वच्छता अभियान के नाम पर प्रदेश के सफाई कर्मचारियों का शोषण करने का सरकार ने औजार बना लिया है। प्रदेश की जनता देख रही है, कि स्वच्छता अभियान के नाम पर केवल फोटो सेशन ही सरकार चला रही है। सरकार के प्रति कर्मचारी में भारी आक्रोश है इसलिए पालिका, परिषद, निगमो के कर्मचारी 15 अक्टूबर को पुराना आईटीआई मैदान रोहतक में आक्रोश रैली कर अपने गुस्से का प्रगटीकरण करेंगे।  उन्होंने चेतावनी दी की 14 अक्टूबर तक मांगों का समाधान नहीं किया। छटनी वापस नहीं की तो संघ रैली के मंच से बड़े आंदोलन की भी घोषणा करेगा।