अंबाला की एडीसी ने किया "टाइगर ज़िंदा है" गिरोह का पर्दाफाश...

अंबाला की एडीसी ने आरटीए विभाग के साथ मिलकर एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया जिसका नाम टाइगर ज़िंदा है जो आरटीए विभाग की छापामार टीम की सुचना ट्रान्सपोर्टो को दिया करता था जिस कारण सरकार को काफी नुक्सान हो रहा था ।

अंबाला की एडीसी ने किया "टाइगर ज़िंदा है" गिरोह का पर्दाफाश...

अम्बाला (अंकुर कपूर) || अंबाला की एडीसी ने आरटीए विभाग के साथ मिलकर एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया जिसका नाम टाइगर ज़िंदा है जो आरटीए विभाग की छापामार टीम की सुचना ट्रान्सपोर्टो को दिया करता था जिस कारण सरकार को काफी नुक्सान हो रहा था । यही नहीं  3 दिन पहले एडीसी अंबाला की गाड़ी को मारी गई थी टक्कर इस मामले की पुलिस में की गई थी शिकायत और पुलिस ने दर्ज की थी एफ आई आर पर एडीसी अंबाला को यह मामला कुछ अलग ही लगा सो वह अपनी टीम के साथ खुद ही इस मामले की तहकीकात करने में जुट गई और जब उनकी तहकीकात रंग लाने लगी और इस मामले की परतें खुलने लगी तो वह खुद ही दंग रह गई कि यह एक बहुत ही बड़ा गिरोह है जो हरियाणा में तैनात आरटीओ की रैकिंग करता है और ट्रांसपोर्टरों को उनकी गतिविधियों के बारे में जानकारी देते हैं इसके बदले में वह  इन ट्रांसपोर्टरों से हर महीने पैसे भी लेते थे !

3 दिन पहले नारायणगढ़ में एडीसी एवं आरटीए अंबाला की गाड़ी को एक i20 गाड़ी ने टक्कर मारी थी मामले को ज्यादा गंभीरता से ना लेते हुए एडीसी ने उसी टाइम पुलिस को इसकी सूचना दी और पुलिस ने i20 के चालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया पर एडीसी अंबाला को यह मामला कुछ और ही लगा उन्होंने अपने जब स्टाफ से बात की तो उन्हें पता लगा कि यह गाड़ी उनका अंबाला कैंट से पीछा कर रही थी मैडम ने पुलिस को साथ में न लेते हुए अपनी ही टीम के साथ इस मामले की जांच शुरू कर दी और जब जांच की तो परतें खुलने शुरू हुई तो एडीसी मैडम भी दंग रह गई उन्होंने पाया कि यह एक पूरा गिरोह है जो पिछले कई वर्षों से अंबाला में तैनात आरटीओ की गाड़ी की रेकी करते हैं और ट्रांसपोर्टरों को उनकी लोकेशन की जानकारी देते हैं जिससे यह ट्रांसपोर्टर अपनी गाड़ियां खड़ी कर लेते हैं और चालान से बच जाते हैं अंबाला में ओवरलोडिंग गाड़ियों का काफी तादाद में चलती है और नारायणगढ़ में तो माइनिंग की वजह से हजारों गाडिया रोज सड़क पर ओवरलोडिंग होकर चलते हैं पर जब भी आरटीओ कहीं पर नाका लगाकर गाड़ियों की चेकिंग के लिए नाका लगाती है तो वहां से गाड़ियां गुजरने बंद हो जाती है आती है मैडम आरटीओ हैरान थी कि ट्रांसपोर्टरों को यह पता लग जाता है कि वह आज कहां पर नाका लगाए खड़े हैं !  उनकी गाड़ी को मारी गई टक्कर के इस वाक्य से जोड़ते हुए उन्होंने जब अपने स्टाफ के साथ तहकीकात शुरू की और जब गिरोह के सरगना को काबू किया तो उन्हें पता लगा कि यह गिरोह पिछले कई सालों से आरटीए की रेकी कर रहा था और इन्होंने व्हाट्सएप पर कई ग्रुप बना रखे थे जिसमें गिरोह के सरगना ने अपना एक ग्रुप टाइगर जिंदा है के नाम से बना रखा था और उसमें शहर के जाने-माने ट्रांसपोर्ट भी जुड़े हुए थे इन्हीं व्हाट्सएप ग्रुपओं मैसेज पर गिरोह का सरगना अंबाला जिले में स्थित ट्रांसपोर्ट को आरटीओ के नाका लगाने की  लोकेशन बताता था और इन ट्रांसपोर्टरों से हर महीने पैसे वसूल ता था !  इस बारे में बताते हुए अंबाला की एडीसी ने बताया कि अभी तक हम इस मामले में 8 लोगों को गिरफ्तार कर चुके हैं और इन लोगों से कई फोन बरामद हुए हैं इन मोबाइल फोन में कोई व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए हुए थे और उन व्हाट्सएप ग्रुपों में हमारी लोकेशन लोकल ट्रांसपोर्टरों को शेयर की जाती थी और लोकल ट्रांसपोर्ट अपनी गाड़ी खड़ी कर दिया करते थे और चालान से बचा करते थे उन्होंने बताया कि गिरोह के लीडर ने व्हाट्सएप ग्रुप टाइगर जिंदा है जैसे कई नामों से ग्रुप बना रखे थे इन आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है और अब उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया जाएगा आगे की जांच विभाग और पुलिस करेगी ।

इन सात पकड़े गए लोगो में लाल टी-शर्ट पहने खड़ा युवक इस गिरोह का सरगना है जिसने टाइगर ज़िंदा है ग्रुप बनाया हुआ था और सभी ट्रांसपोर्टरों को आरटीए छापामार टीम की लोकेशन देता था इसके लिए इस युवक को हर ट्रांसपोर्टरों से पैसे मिलते थे यही नहीं इस ग्रुप में लगभग 80 से ज्यादा लोग शामिल थे । वही जब गिरोह के सरगना से बात की गई तो उसने कहा कि उसको अपने किए पर बड़ा पछतावा है वह यह काम पिछले कुछ सालों से कर रहा था उसने बताया कि इसके बदले में ट्रांसपोर्टर उसे हर महीने पैसा दिया करते थे उसका काम था कि वह आरटीए की गाड़ी की रेकी करके ट्रांसपोर्टरों को बताता था कि आरटीए ने कहां पर नाका लगा रखा है ।