फतेहाबाद में सीएम फ्लाइंग टीम और स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई से नाराज चिकित्सा प्रयोगशाला संचालक हड़ताल

फतेहाबाद में सीएम फ्लाइंग टीम और स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई से नाराज चिकित्सा प्रयोगशाला संचालक हड़ताल पर हैं, सरकार के सहयोगी जेजेपी मेडिकल सेल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र सिवाच ने अपनी ही सरकार को घेरा. सरकार के फैसले को बताया पूरी तरह गलत कहा सरकार के निरीक्षण नियम जिले भर से मॉडल टाउन के पपीहा पार्क में जुटे प्रयोगशाला संचालकों ने मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले किया विरोध प्रदर्शन रोष जताया अस्पतालों के अंदर लैबोरेट्री बनाई और शहर के बाजारों में स्थित सभी प्रयोगशालाएं जांच के लिए बंद रहीं. एक जगह से दूसरी जगह भटकते दिखे मरीज और उनके परिजन, सरकार और स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ नारेबाजी की, लैब में एमबीबीएस/एमडी पैथोलॉजिस्ट की जरूरत बताई, कहा ऐसे नियम को खत्म करने के लिए सीएम फ्लाइंग ने बीती रात एक लैब पर छापा मारा और कार्रवाई की गई | बीती रात फतेहाबाद के बीघड़ रोड स्थित कन्हैया लैब पर सीएम के फ्लाइंग छापे के बाद लैब संचालकों में रोष व्याप्त हो गया |

फतेहाबाद में सीएम फ्लाइंग टीम और स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई से नाराज चिकित्सा प्रयोगशाला संचालक हड़ताल

|| Fatehabad || Kartik Bhardwaj || फतेहाबाद में सीएम फ्लाइंग टीम और स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई से नाराज चिकित्सा प्रयोगशाला संचालक हड़ताल पर हैं, सरकार के सहयोगी जेजेपी मेडिकल सेल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र सिवाच ने अपनी ही सरकार को घेरा. सरकार के फैसले को बताया पूरी तरह गलत कहा सरकार के निरीक्षण नियम जिले भर से मॉडल टाउन के पपीहा पार्क में जुटे प्रयोगशाला संचालकों ने मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले किया विरोध प्रदर्शन रोष जताया अस्पतालों के अंदर लैबोरेट्री बनाई और शहर के बाजारों में स्थित सभी प्रयोगशालाएं जांच के लिए बंद रहीं. एक जगह से दूसरी जगह भटकते दिखे मरीज और उनके परिजन, सरकार और स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ नारेबाजी की, लैब में एमबीबीएस/एमडी पैथोलॉजिस्ट की जरूरत बताई, कहा ऐसे नियम को खत्म करने के लिए सीएम फ्लाइंग ने बीती रात एक लैब पर छापा मारा और कार्रवाई की गई | बीती रात फतेहाबाद के बीघड़ रोड स्थित कन्हैया लैब पर सीएम के फ्लाइंग छापे के बाद लैब संचालकों में रोष व्याप्त हो गया | इस कार्रवाई और सरकार की नीतियों के खिलाफ आज सुबह जिले भर के लैब संचालक हड़ताल पर चले गए और सभी लैब को बंद कर दिया |

फतेहाबाद, टोहाना, रतिया, भूना सहित तमाम क्षेत्रों से बड़ी संख्या में प्रयोगशाला संचालक फतेहाबाद के पपीहा पार्क में एकत्र हुए और रोष व्यक्त किया, जिसके बाद उन्होंने शहर में रोष मार्च निकाला और ज्ञापन देने लघु सचिवालय पहुंचे | प्रयोगशाला बंद होने के कारण स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुईं और मरीजों की जांच रोक दी गई | वहीं जिला केमिस्ट संघ ने भी प्रयोगशाला संचालकों को अपना समर्थन दिया है।सरकार की नीतियों को अनुचित बताते हुए जजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. वीरेंद्र सिवाच भी सरकार में सहयोगी लैब संचालकों के धरने पर पहुंचे | लैब संचालक अब अगली रणनीति बनाने में जुट गए हैं। मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन, हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव सेतिया ने कहा कि सरकार की नीतियों के अनुसार हर लैब में एमबीबीएस डॉक्टर होने चाहिए लेकिन यह संभव नहीं है कि कौन सी लैब अब सस्ती कीमत पर लोगों को टेस्ट दे रही हैं. दर, यदि एमबीबीएस डॉक्टरों को रखा जाता है तो ये परीक्षण बढ़ेंगे और केवल जनता को प्रभावित करेंगे।उन्होंने कहा कि सरकार बिना किसी चेतावनी के उन्हें परेशान कर रही है।

लैब संचालक कोई अनुचित कार्य नहीं कर रहे हैं, उनके द्वारा लिए गए बेसिक डिग्री डिप्लोमा के तहत ही सारा काम किया जा रहा है | उनकी मुख्य मांग है कि प्रयोगशाला संचालक जो भी कार्य करेंगे, वे स्वयं हस्ताक्षरकर्ता अधिकारी रहेंगे और वे स्वयं ही उनके कार्य की जिम्मेदारी लेंगे।सरकार लैबोरेट्री मेडिकल बोर्ड बनाकर बेसिक लेबोरेटरी को रजिस्टर्ड करे, बायोमेडिकल वेस्ट फीस कम करे। वहीं धरने का समर्थन करने पहुंचे जेजेपी चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष व शहर के प्रमुख चिकित्सक डॉ. वीरेंद्र सिवाच ने कहा कि पूरे प्रदेश में एक लाख से अधिक प्रयोगशालाएं हैं, एक लाख से अधिक परिवार जुड़े हुए हैं. उनके साथ। हर कोई सरकार के फैसले के साथ सड़कों पर उतरेगा। मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को इस बारे में सोचना चाहिए।डॉक्टर के हस्ताक्षर के बिना प्रयोगशाला परीक्षणों को अमान्य करने का यह निर्णय अजीब है।उन्होंने कहा कि लेबोरेटरी टेक्नीशियन के पास डिप्लोमा है, एमबीबीएस डॉक्टर टेस्ट नहीं कर सकते, सभी टेस्ट टेक्नीशियन ही कर सकते हैं।उन्होंने कहा कि निरीक्षण नियम लागू कर सरकार को बेवजह परेशान नहीं होना चाहिए और इस तरह के छापे नहीं मारने चाहिए।उन्होंने कहा कि सरकार को इस तरह के प्रतिबंध लगाकर जनता या लैब संचालकों को परेशान नहीं करना चाहिए।आज बिना टेस्ट के अस्पताल भी काम नहीं कर सकते हैं, ऐसे में मरीज, डॉक्टर और प्रयोगशाला संचालक परेशान हैं |