Gurugram : सदर बाजार में ऑटो और स्कूटी चालक के बीच हुए विवाद में व्यापारी सड़क पर उतर आए और न्याय की मांग

सदर बाजार में ऑटो और स्कूटी चालक के बीच हुए विवाद में व्यापारी सड़क पर उतर आए और न्याय की मांग | गुरुग्राम और मानेसर में होने वाले नगर निगम चुनावो से पहले कांग्रेस में फूट दिखाई देने लगी है। दोनों ही नगर निगम चुनावो के लिए बनाए गए प्रभारियों दुवारा बनाई गई कमेटी को प्रदेश अध्यक्ष ने भंग कर दिया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष की माने तो प्रभारियो को कमेटी गठन के अधिकार ही नही है। ये अधिकार तो पीसीसीआई का है। दरअसल गुरुग्राम और मानेसर में होने वाले नगर निगम चुनावों के लिए कांग्रेस के पूर्व मंत्री कर्ण दलाल शनिवार को गुरुग्राम पहुचे थे। जहा उन्होंने कार्यकर्ताओ से बैठक की और चुनाव लड़ने के इक्छुक कार्यकर्ताओ से आवेदन मांगे।

Gurugram : सदर बाजार में ऑटो और स्कूटी चालक के बीच हुए विवाद में व्यापारी सड़क पर उतर आए और न्याय की मांग

|| Gurugram || Kartik bBhardwaj || सदर बाजार में ऑटो और स्कूटी चालक के बीच हुए विवाद में व्यापारी सड़क पर उतर आए और न्याय की मांग | गुरुग्राम और मानेसर में होने वाले नगर निगम चुनावो से पहले कांग्रेस में फूट दिखाई देने लगी है। दोनों ही नगर निगम चुनावो के लिए बनाए गए प्रभारियों दुवारा बनाई गई कमेटी को प्रदेश अध्यक्ष ने भंग कर दिया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष की माने तो प्रभारियो को कमेटी गठन के अधिकार ही नही है। ये अधिकार तो पीसीसीआई का है। दरअसल गुरुग्राम और मानेसर में होने वाले नगर निगम चुनावों के लिए कांग्रेस के पूर्व मंत्री कर्ण दलाल शनिवार को गुरुग्राम पहुचे थे। जहा उन्होंने कार्यकर्ताओ से बैठक की और चुनाव लड़ने के इक्छुक कार्यकर्ताओ से आवेदन मांगे। इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया जो आवेदन ले कर पीसीसीआई को भेजेगी। उसके बाद पार्टी तय करेगी कि किसे उम्मीदवार बनाना है। लेकिन गुरुग्राम पहुचे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उदय भान ने इस कमेटी को भंग कर दिया। जिससे कांग्रेस में फूट एक बार फिर से उजागर हो गई।

सदर बाजार में करीब 1 सप्ताह पहले स्कूटी सवार और ऑटो चालक के बीच हुए विवाद के बाद हुई स्कूटी सवार की मौत मामले में व्यापारी लामबंद हो गए हैं। व्यापारियों ने रविवार सुबह सदर बाजार की ट्रंक मार्केट से न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। व्यापारियों ने सदर बाजार से सिटी थाने तक मार्च निकाला और मामले की निष्पक्ष जांच करते हुए न्याय दिलाए जाने की बात कही।गुरुग्राम- सदर बाजार में ऑटो और स्कूटी चालक के बीच हुए विवाद में व्यापारी सड़क पर उतर आए और न्याय की मांग की |

व्यापारियों ने बताया कि जिस वक्त यह घटना हुई उस वक्त दुकानदार अपनी दुकान के अंदर मौजूद थे। उनका ना तो इस विवाद से लेना देना है और ना ही स्कूटी ऑटो चालक से कोई लेना-देना है। कुछ लोगों के बहकावे में आकर स्कूटी सवार के परिजनों द्वारा व्यापारी के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। गलती सिर्फ उनकी इतनी है कि उनकी दुकान पर उनके ब्रांड का नाम ग्रीन लिखा हुआ है। कुछ लोगों ने ऑटो के नंबर को ऑनलाइन सर्च करके उसका ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नंबर देखा तो वह भी इसी ग्रीन ट्रेडिंग कंपनी के नाम पर रजिस्टर मिला। ऐसे में लोगों द्वारा यह धारणा बना ली गई कि ऑटो इसी दुकानदार का है और ड्राइवर भी इन्हीं का कर्मचारी है।

सीसीटीवी में स्पष्ट है कि स्कूटी सवार पीछे से ही लगातार होम बजाते हुए आ रहा है और वह फोटो पर हाथ मारकर उसे रोकने के लिए कह रहा है। स्कूटी सवार द्वारा हाथ मारने पर ऑटो का शीशा टूट गया जिसके कारण नुकसान हो गया और ऑटो ड्राइवर द्वारा स्कूटी सवार को रोककर नुकसान की भरपाई करने के लिए कहा। बताया जा रहा है कि यहां बाजार में आए लोग इक्कठे हुए तो स्कूटी सवार घबरा गया और अचानक नीचे गिर गया। इस दौरान दुकानदार और उसके सभी कर्मचारी दुकान में ही मौजूद थे लेकिन जब स्कूटी सवार जमीन पर गिरा तो 1 पल के लिए दुकानदार बाहर आए लेकिन वापस अपनी दुकान के अंदर चले गए। स्कूटी सवार द्वारा दुकानदार व उसके बेटे के खिलाफ केस दर्ज करवाया गया है जबकि दोनों ही घटना के वक्त वहां नहीं थे। दुकानदार अपनी दुकान के अंदर था जबकि बताया जा रहा है कि बेटा घटना से पहले ही अपने घर जा चुका था।

मामले में अगर चश्मदीदों की मानें तो दोनों पक्षों के बीच कोई मारपीट नहीं हुई। जब ऑटो चालक ने उसे कॉलर से पकड़ा था तो मैं घबरा गया और उसी दौरान है नीचे गिर गया जिसके बाद दुकानदारों ने ही एंबुलेंस को सूचना देकर मौके पर बुलाया और स्कूटी सवार को अस्पताल भेजा जहां डॉक्टरों ने उसे डेड डिक्लेअर कर दिया। सूचना मिलते ही जब पुलिस मौके पर पहुंची तो उन्होंने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया। मामले में अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आना बाकी है जिसके बाद ही मौत के असल कारणों का खुलासा हो सकेगा। इस मामले में पुलिस ने भी आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज कब्जे में ली है।

मामले में पुलिस ने केस तो दर्ज कर लिया है लेकिन इसकी निष्पक्ष जांच किए जाने को लेकर व्यापारी लामबंद हो गए हैं। व्यापारियों का कहना है कि वह भी न्याय चाहते हैं और मृतक के परिवार के प्रति उनकी संवेदना है, लेकिन कुछ लोगों के बहकावे में आकर जिस तरह से दुकानदारों को फंसाया जा रहा है यह एक साजिश लग रही है ताकि मृतक के परिवार को दुकानदारों के जरिए ही आर्थिक सहायता दिलाई जा सके। उन्होंने पुलिस कमिश्नर, गुडगांव विधायक, मुख्यमंत्री से मांग की है कि वह मामले में निष्पक्ष जांच करा कर उन्हे व व्यापारियों को न्याय दिलाएं।