मवेशियों को मिट्टी में गाड़ने की बजाय शहर के मुख्य नाले में फेंक दिया।

जिससे गोरक्षक दल में मृत गोवंश को नाले में डालने वाले लोगों के प्रति गुस्सा है। गोरक्षक दल के युवाओं ने गंदे नाले में उतरकर छह मृत गोवंश को बाहर निकाला और उन्हें नाले के पास ही मिट्टी के अंदर दबाया गया।

मवेशियों को मिट्टी में गाड़ने की बजाय शहर के मुख्य नाले में फेंक दिया।

|| Gharaunda || Kartik Bhardwaj ||  जिससे गोरक्षक दल में मृत गोवंश को नाले में डालने वाले लोगों के प्रति गुस्सा है। गोरक्षक दल के युवाओं ने गंदे नाले में उतरकर छह मृत गोवंश को बाहर निकाला और उन्हें नाले के पास ही मिट्टी के अंदर दबाया गया। गोरक्षक दल के युवाओं ने समाज के लोगों से अपील की है कि वे गंदे नाले में मृत पशुओं का ना डाले, अपितु मिट्टी में दबाए, जिससे मृत गोवंश की सही तरीके से गति हो सके। गोरक्षक दल ने चेताया है कि यदि कोई व्यक्ति उन्हें नाले में मृत पशु या गोवंश डालता हुआ पाया जाता है तो वे उसके खिलाफ सख्त एक्शन लेंगे।

शहर का गंदा नाले को लोगों ने मृत पशु डालने का अड्डा बना लिया है। लोग गऊओं के छोटे-छोटे मृत बछड़ों को नाले में डालकर जा रहे है। इसमें सिर्फ गोवंश ही नहीं बल्कि कटड़े भी है। सोमवार को एक गोरक्षक को नाले में मृत बछड़े व कटड़े तैरते नजर आए। उसने तुरंत शहीद विक्रांत गोरक्षक दल की टीम को सूचित किया। जिसके तुरंत बाद गोरक्षक दल के युवक विजय हिंदू के नेतृत्व में एकत्रित हो गए। मृत गोवंश को निकालने के लिए युवक बिना सुरक्षा ही नाले में उतर गया और बछड़े को बाहर निकाल लाया। बताया जा रहा है कि उस दौरान वह एक जहरीले सांप से भी बचा। इसके बाद सीढ़ी के जरिये गोरक्षक नाले में उतरे और मृत गोवंश को बाहर निकाला |

 प्लास्टिक के कट्टे के अंदर भी एक नन्हा सा बछड़ा मिला है। गोरक्षकों ने छह मृत पशुओं को नाले से निकाला और जेसीबी की मदद से नाले के नजदीक मिट्टी में दबा दिया गया।गोरक्षक विजय कुमार, मन्नु, विजय, गोतम, चेतन, सौरभ, तासु, अजय, सुमित, दीपक, गौरव व अन्य ने बताया कि लोग गाय व भैंसों के बछड़ों व कटड़ों के हिस्से का दूध तो पी लेते है, लेकिन जब यही बछड़े और कटड़े मर जाते है तो उनको मिट्टी में दबाने के बजाए गंदे नाले या फिर नाले के आसपास खुले में फेंककर चले जाते है। जिसके बाद आवारा कुत्ते उनको नोचते है। गंदे नाले के आसपास रहने वाले आवारा कुत्तों के मुहं मृत पशुओं का खून लग चुका है ऐसे में वे आम जन के लिए खतरानाक हो चुके है। लोगों की जरा सी लापरवाही और लालच दूसरों के लिए जान का जोखिम बना हुआ है। 

गोरक्षक दल लगातार लोगों को जागरूक करने का काम करता है। लेकिन लोग फिर भी नहीं मानते। ऐसे में प्रशासन को भी ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, क्योंकि लोग नाले में कहीं-कहीं पर मृत पशुओं को डालकर जा रहे है। जिससे गोरक्षक दल में रोष है। यदि लोगों ने मृत गोवंश को सही तरीके से मिट्टी नहीं दी और नाले में या फिर किसी खुले स्थान पर डालता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।