भिवानी में भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक का विरोध करने सडक़ों पर उतरे सरपंच

ई टेंडरिंग को लेकर सरकार के खिलाफ खड़े सरपंचों ने लंबी लड़ाई का आगाज कर दिया है। सरपंचों ने चेतावनी दी है कि ई-टैंडरिंग मामले मे वे सरकार के हर कार्यक्रम का विरोध करेंगे।

भिवानी में भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक का विरोध करने सडक़ों पर उतरे सरपंच

|| Bhiwani || Aditya Kumar || ई टेंडरिंग को लेकर सरकार के खिलाफ खड़े सरपंचों ने लंबी लड़ाई का आगाज कर दिया है। सरपंचों ने चेतावनी दी है कि ई-टैंडरिंग मामले मे वे सरकार के हर कार्यक्रम का विरोध करेंगे। इसी कड़ी में ई-टैंडरिंग पूरी तरह से खत्म करने की मांग को लेकर सरपंचों ने शुक्रवार को भिवानी में काली पट्टी बांधकर व काले कपड़े पहनकर प्रदर्शन किया तथा भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक का विरोध जताया। इस दौरान सरपंचों ने कहा कि 11 फरवरी को मुख्यमंत्री के भिवानी पहुंचने पर वे शांतिपूर्ण तरीके से सीएम का विरोध जताएंगे तथा ई-टैडरिंग खत्म करने की मांग करेंगे।

हरियाणा सरकार द्वारा हर गांव में दो लाख रुपये से अधिक के काम ई-टेंडरिंग से करवाने को लेकर गांवों की छोटी सरकारें प्रदेश सरकार के खिलाफ मुखर हैं। नई पंचायतों के गठन होते ही प्रदेश भर में सरपंच करीबन महीने भर से अपना कामकाज छोड़ अपने-अपने ब्लॉक विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालयों के बाहर धरना दे रहे हैं। भिवानी में आज हरियाणा सरपंच एसोसिएशन के बैनर तले सरपंचों ने काले कपड़े पहनकर व काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया तथा भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक का विरोध जताया।

इस मौके पर प्रदर्शनकारी सरपंच आशीष, अंकित व मोनू देवसर ने बताया कि सरकार सरपंचों के हक में नहीं है तथा सरपंचों के साथ अन्याय कर रही है। जिसके विरोध में मजबूरन सरपंचों को सडक़ों पर उतरना पड़ा है। उन्होंने कहा कि ई टेंडरिंग के माध्यम से सरकार अपने एजेंटों को ग्रांट बांटेंगी, जिससे विकास कार्य नहीं होंगे। उन्होंने हरियाणा सरकार पर ई टेंडरिंग के बहाने पंचायती राज खत्म करने का आरोप लगाया। सरपंचों ने कहा कि जब तक ई-टैंडरिंग पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाती, उनका प्रदर्शन यू ही जारी रहेगा तथा वे 11 फरवरी को भिवानी पहुंचने वाले मुख्यमंत्री का भी विरोध जताएंगे।