अपने वेतन बढोत्तरी को लेकर पिछले दो दशकों से संघर्ष करते हुए प्रदेशभर में धरना

अपने वेतन बढोत्तरी को लेकर पिछले दो दशकों से संघर्ष करते हुए प्रदेशभर में धरना प्रदर्शन कर प्रशासन की लाठी-डंडों की मार झेलने वाले क्र्लकों से प्रदेश सरकार ने वेतन बढ़ोत्तरी के नाम एक बार फिर धोखाधड़ी की है। सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए कागजों में तो क्र्लकों का वेतनमान बढ़ा दिया, लेकिन जमीनी हकीकत पर उतरकर देखा जाए तो इस वेतनमान का फायदा किसी भी वर्लक को नहीं होगा। जिसके चलते क्र्लकों में सरकार की इस कर्मचारी विरोधी नीति के चलते रोष बढ़ गया है। उन्होंने 16 फरवरी की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में बड़े स्तर पर सरकार का विरोध जताने का फैसला लिया है

भिवानी
अपने वेतन बढोत्तरी को लेकर पिछले दो दशकों से संघर्ष करते हुए प्रदेशभर में धरना प्रदर्शन कर प्रशासन की लाठी-डंडों की मार झेलने वाले क्र्लकों से प्रदेश सरकार ने वेतन बढ़ोत्तरी के नाम एक बार फिर धोखाधड़ी की है। सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए कागजों में तो क्र्लकों का वेतनमान बढ़ा दिया, लेकिन जमीनी हकीकत पर उतरकर देखा जाए तो इस वेतनमान का फायदा किसी भी वर्लक को नहीं होगा। जिसके चलते क्र्लकों में सरकार की इस कर्मचारी विरोधी नीति के चलते रोष बढ़ गया है। उन्होंने 16 फरवरी की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में बड़े स्तर पर सरकार का विरोध जताने का फैसला लिया है। यह बात संगठन ने एक निजी रेस्टोरेंट में प्रेस वार्ता के दौरान कही
क्लर्क संगठन के प्रांतीय प्रधान ..... व महासचिव देवेंद्र ने बताया कि सरकार के चुनावी घोषणा पत्र 25 अगस्त 2014 के मंत्रिमंडल के फैसले अनुसार सातवें पे-कमीशन में वर्लक 35400 का हकदार बनता है। जिसके लिए क्र्लक पिछले दो दशकों से आंदोलनरत्त भी है। वेतनमान बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर पूर्ववर्ती सरकार के समय वर्ष 2012 में कुरुक्षेत्र में लगातार 477 दिनों आंदोलन कर डेरा डाले रखा। 2017 में पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा के गृह जिले में भी 316 दिनों तक धरने पर और 42 दिन की हड़ताल पर डटे रहे। इसके बाद भी मिनिस्ट्रीयल स्टॉफ कर्मियों ने अनेकों प्रकार के प्रदर्शन, हड़तालें व लाठियां खाई। लेकिन सरकार ने वर्लकों का वेतनमान बढ़ाने की बजाए उन्हें बिना कुछ दिए ही वाहवाही लूटने के लिए भ्रमित करने वाला नोटिफिकेशन जारी कर दिया। सरकार द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन में 19900 से 21700 रुपये वेतन किया गया है जबकि लिपिक वर्गीय कर्मचारी पहले से ही इस वेतन से अधिक वेतन ले रहा है। सरकार के इस नोटिफिकेशन का प्रदेशभर में कार्यरत्त मिनिस्ट्रीयल स्टॉफ कर्मियों में से किसी एक को भी एक पैसे का भी फायदा रहीं हुआ। सरकार की रीढ़ कहलाने वाला मिनिस्ट्रीयल स्टॉफ कर्मी तब चैन से नहीं बैठना, जब तक उनकी वेतन बढ़ोत्तरी सहित साझी मागें पूरी नहीं हो जाती। सरकार कर्मचारियों के गुस्से का ट्रेलर 16 फरवरी की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में देखेगी।