कुरुक्षेत्र के इंजीनियरों ने असुरक्षित घोषित की स्कूल की इमारत, फिर भी मौत के साये में पढ रहे हैं बच्चे

, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कुरुक्षेत्र के इंजीनियरों ने स्कूल की इमारत को असुरक्षित घोषित कर दिया है। इसे आप पाठशाला कहेंगे या मौतशाला, ये टूटी हुई इमारत की तस्वीरें किसी पुराने खंडहर की नहीं है साहब,, ये तस्वीरें हैं करोडों रूपये सरकारी स्कूलों पर खर्च करने वाली हरियाणा सरकार के एक सरकारी स्कूल की

कुरुक्षेत्र के इंजीनियरों ने असुरक्षित घोषित की स्कूल की इमारत, फिर भी मौत के साये में पढ रहे हैं बच्चे

फरीदाबाद (केशव ) || फरीदाबाद पल्ला क्षेत्र के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सेहतपुर में हजारों विद्यार्थी मौत के साये में पढने के लिये मजबूर हैं, क्लास रूम के अंदर विद्यार्थियों के सिर पर हमेशा मौत मडराती रहती है, ऐसा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कुरुक्षेत्र के इंजीनियरों की जांच में असुरक्षित घोषित हुई स्कूल की इमारत के नीचे हो रहा है, एनआईटी कुरूक्षेत्र की टीम ने फरीदाबाद जिला शिक्षा विभाग को स्कूल की इमारत असुरक्षित होने का नोटिस भेजा है जिसमें 2010 से 2014 के दौरान बनाए गए 14 क्लासरूम एक लाइब्रेरी एक कंप्यूटर सहित सारी इमारत असुरक्षित है घोषित कर दी गई है, उसके बाद अभी भी कंडम पडे हुए कमरों में ही बच्चों को पढाया जा रहा है, जिसपर शिकायतकर्ता एल एन पराशन ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है।25 दिसबंर 2018 को मीडिया द्वारा प्रमुखता से दिखाई गई पाठशाला है या मौतशाला की खबर का असर 7 महीने के बाद देखने को मिला है, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कुरुक्षेत्र के इंजीनियरों ने स्कूल की इमारत को असुरक्षित घोषित कर दिया है। इसे आप पाठशाला कहेंगे या मौतशाला, ये टूटी हुई इमारत की तस्वीरें किसी पुराने खंडहर की नहीं है साहब,, ये तस्वीरें हैं करोडों रूपये सरकारी स्कूलों पर खर्च करने वाली हरियाणा सरकार के एक सरकारी स्कूल की। ये सरकारी स्कूल फरीदाबाद के पल्ला क्षेत्र का सबसे बडा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सेहतपुर है, जिसमें पहली कक्षा से लेकर 12 कक्षा तक हजारों छात्र - छात्रायें पढती हैं। मगर इन विद्यार्थियों का ध्यान पूरी तरह से पढाई पर न होकर जर्जर पडे हुए क्लास रूम की छतों और दीवारों पर होता है। क्योंकि 12 वीं कक्षा तक चलने वाले इस सरकारी स्कूल की हालत पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। 25 दिसबंर 2018 को इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से लेकर शिक्षामंत्री तक करने वाले शिकायतकर्ता एल एन पराशर ने कहा कि मीडिया द्वारा प्रमुखता से खबर दिखाने के बाद शिक्षामंत्री ने 30 लाख रूपये देने का वायदा किया था मगर वो पैसे नहीं आये अब इस इमारत को असुरक्षित घोषित कर दिया गया है उसके बाद बच्चों को इस इमारत में पढाया जा रहा है लगता है कि सरकार जान-बूझकर किसी बडे हादसे का इंतजार कर रही है, इसलिये अब वह चाहते हैं कि इस इमारत को बनाने वाले ठेकेदार और देखरेख करने वाले अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाये, जिसकी शिकायत वह फिर से मुख्यमंत्री सहित संबंधित अधिकारियों को करेंगे।