जींद में लघु सचिवालय के सामने दिखा हाई वोल्टेज ड्रामा

डीसी से मिला और माफी मांगी, लेकिन उन्होंने वकीलों के सामने उन्हें बेइज्जत किया। उसका नौ माह तक वेतन रोकने का काम किया। कोर्ट में केस किया, तब नौ माह बाद जाकर वेतन मिला। उसकी सर्विस बुक अधिकारी पूरा नहीं कर रहे। अब उसने उसे प्रताडि़त करने की शिकायत मुख्य सचिव को की है ताकि उसे न्याय मिल सके।

जींद में लघु सचिवालय के सामने दिखा हाई वोल्टेज ड्रामा

जींद (परमजीत पवार ) || लघु सचिवालय परिसर में शुक्रवार को हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ। सुबह पंचायत विभाग के लीगल आफिसर संदीप लठवाल अपनी लाल रंग की गाड़ी पर लाल बत्ती लगाकर कार्यालय पहुंचे। काफी देर तक डीसी की गाड़ी के नजदीक की लीगल आफिसर की लाल बत्ती लगी गाड़ी खड़ी रही। किसी ने इसकी सूचना टै्रफिक पुलिस को दी। ट्रैफिक पुलिस मौके पर पहुंची, तब तक लीगल आफिसर ने लाल बत्ती उतारकर अपनी गाड़ी में वापस रख ली। इस दौरान गाड़ी में बैठकर जा रहे लीगल आफिसर को ट्रैफिक पुलिस ने रोका, लेकिन उन्होंने गाड़ी आगे बढ़ा दी।इस पर ट्रैफिक पुलिस के जवान गाड़ी के आगे अड़ गए, तब जाकर लीगल आफिसर ने गाड़ी रोकी और नीचे उतरे। इस दौरान काफी देर तक ट्रैफिक पुलिस व लीगल आफिसर के बीच बहस हुई और बाद में ट्रैफिक पुलिस ने लाइसेंस लेकर उसकी फोटो खींच ली, लेकिन मौके पर लाल बत्ती लगी न होने के कारण चालान नहीं किया। बाद में लालबत्ती लगी गाड़ी की फोटो ट्रैफिक पुलिस के पास पहुची, लेकिन ट्रैफिक पुलिस की साइट नहीं चलने के कारण चालान नहीं हो सका। ट्रैफिक पुलिस शनिवार को आनलाइन चालान काटकर पोस्ट के जरिये लीगल आफिसर को चालान भेजेगी।लघु सचिवालय परिसर में लाल बत्ती गाड़ी लेकर पहुंचे लीगल आफिसर संदीप लठवाल ने कहा कि  लाल बत्ती लगाने का मकसद यह था कि उसे दूसरे देखे कि आखिर उसे क्यों लाल बत्ती लगाई है। वह प्रशासन की अपेक्षा का शिकार है। उसे पिछले 6 माह से प्रताडि़त किया जा रहा है। वह तीन साल से यहां है, लेकिन पहले वाले डीसी व अन्य अधिकारियों ने कभी उनके काम पर एतराज नहीं जताया, लेकिन जब से डीसी डॉ. आदित्य दहिया जींद में आए हैं, उन्हें काम ही नहीं दिया जा रहा। यहां तक डीडीपीओ राजेश कौथ भी उनके पास कोई फाइल नहीं भेजते हैं ताकि वह अपनी राय दे सके। अधिकारी खुद नियम तोड़ रहे हैं। एसएसपी खुद अपनी गाड़ी पर लाल बत्ती लगाते हैं जबकि किसी अधिकारी को लालबत्ती लगाने की पावर नहीं है। डीएफओ ने हर्बल पार्क में खेलने पर पाबंदी लगा रखी है, लेकिन अंदर बैडमिंटन कोर्ट बनाया हुआ है। डीसी भी कानून की अवहेलना कर रहे है। उसने आरोप लगाया कि उन्हें उच्चाधिकारियों द्वारा मानसिक रूप से प्रताडि़त किया जा रहा है। इसके चलते वह बीमार हो गया है। एक सप्ताह से उसका पीजीआई से इलाज चल रहा है। वह फिर भी