पलवल में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने ध्वजारोहण किया

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी के कुशल नेतृत्व में न केवल बदलने का काम किया गया है, बल्कि ऐसी व्यवस्था देने का प्रयास किया गया है, जिसमें जन-जन को योजनाओं और सेवाओं का लाभ सरल तरीके से प्राप्त हो। देश की आजादी से लेकर लम्बे समय तक गरीब कल्याण की बातें तो की जाती रही, लेकिन उनका लाभ पात्र तक नहीं पहुंच पाया।

पलवल || केंद्रीय ऊर्जा एवं भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने आजादी की 76वीं वर्षगांठ के अवसर पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज हर भारतवासी के लिए खुशी का दिन है। आज हर गली, हर मोहल्ले में तिरंगा है। हर घर-हर दफ्तर में तिरंगा है। हर वाहन, हर हाथ में तिरंगा है। पूरा देश तिरंगे के रंगों में रंगा है। पूरा देश देशभक्ति के रंग में रंगा है। इस दिन के लिए मां भारती के न जाने कितने ही सपूतों ने अपना सब कुछ बलिदान कर दिया। इसी दिन के लिए असंख्य देशभक्तों ने कष्ट झेले और यातनाएं सही। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश की एकता व अखंडता की खातिर वीर सैनिकों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए। उन्हीं के अनुपम बलिदान के कारण आज हम आजादी की खुली हवा में सांस ले रहे हैं। मुझे आज यहां ध्वजारोहण करते हुए गर्व की अनुभूति हो रही है।  

गुर्जर ने कहा कि पिछले दो साल से हम सब ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहे थे। इस महोत्सव के समापन पर के साथ ही माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने ‘मेरी माटी-मेरा देश’ अभियान शुरू किया है। 9 अगस्त को ‘भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ पर शुरू किए गए इस अभियान में देश के हर गांव व हर शहर की मिट्टी इक_ी की जा रही है। हम सभी जानते हैं। आजादी के आंदोलन की पहली चिंगारी 10 मई, 1857 को हरियाणा के अम्बाला से फूटी थी। उस चिंगारी ने आगे चलकर ऐसा जन-आंदोलन खड़ा किया, जिसके बलबूते हम सन 1947 में अंग्रेजी हुकूमत को उखाड फेंकने में कामयाब रहे। इस आंदोलन के बलिदानियों की देशभक्ति से हमारी युवा पीढियां प्रेरणा हासिल करें, इसके लिए हम अम्बाला छावनी में शहीदी स्मारक बना रहे हैं। आजादी के बाद भी 1962, 1965 व 1971 के विदेशी आक्रमण से लेकर कारगिल युद्ध तक हरियाणा के वीर जवानों ने वीरता की मिसाल पेश करते हुए देश की आजादी में निरंतर योगदान दिया है। हम अपने शहीदों के बलिदानों का कर्ज तो नहीं चुका सकते, लेकिन उनके परिजनों की देखभाल करके उनके प्रति सम्मान अवश्य जता सकते हैं। इस दिशा में हमने ‘सैनिक व अर्ध-सैनिक कल्याण विभाग‘ का गठन किया है।युद्ध के दौरान शहीद हुए सेना व अर्ध-सैनिक बलों के जवानों की अनुग्रह राशि बढा कर 50 लाख रुपए की गई है। आई.ई.डी. ब्लास्ट के दौरान शहीद होने पर भी अनुग्रह राशि बढाकर 50 लाख रुपए की गई है। अब तक शहीदों के 367 आश्रितों को अनुकम्पा के आधार पर नौकरी प्रदान की गई है। ‘मेरी माटी-मेरा देश’ अभियान में ऐसे ही वीरों के नाम पूरे देश के गांवों के गौरव पट्ट पर अंकित किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि  वर्तमान सरकार ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘सबका साथ-सबका विकास’ और ‘हरियाणा एक-हरियाणवी एक’ के मूलमंत्र पर चलते पूरे हरियाणा और हरेक हरियाणवी की तरक्की और उत्थान के लिए काम किया है। भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए पारदर्शी शासन दिया है। गीता के कर्म के संदेश की इस पावन भूमि के इतिहास में धार्मिक असहिष्णुता और हिंसा का कोई स्थान नहीं रहा है। इसी के अनुरूप हम प्रदेश में प्रेम, प्यार और भाईचारे की बयार बहाने के लिए निरंतर काम कर रहे हैं। पिछले 9 साल में हरियाणा सद्भाव, सौहार्द, समान विकास, समरसता के साथ-साथ उन बदलावों का साक्षी रहा हैं, जिनसे हर आदमी का जीवन सरल, सुगम और सुरक्षित हुआ है।