व्यायामशालाएं बदहाल स्तिथि में लेकिन मनाया जा रहा है योग दिवस

प्रदेशभर की तरह उपमंडल रादौर के भी कई गांव में इस तरह की व्यायामशालाओं का निर्माण करवाया गया। लेकिन आज रखरखाव के अभाव में लाखों रुपए ख़र्च कर बनाई गई ज्यादातर व्यायामशालाएं बदहाल स्तिथि में पंहुच गई है।

व्यायामशालाएं बदहाल स्तिथि में लेकिन मनाया जा रहा है योग दिवस

Radaur (Kuldeep Saini) : ग्रामीण क्षेत्र में भी लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग बन फिट रहे सके, इसी उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा लाखों रुपए खर्च कर ग्रामीण क्षेत्र में पार्क कम व्यायामशालाओं  का निर्माण करवाया था। प्रदेशभर की तरह उपमंडल रादौर के भी कई गांव में इस तरह की व्यायामशालाओं का निर्माण करवाया गया। शुरूआती समय में इन व्यायामशालाओं में सुबह शाम ग्रामीणों की अच्छी खासी भीड़ जुटती थी, लेकिन आज रखरखाव के अभाव में लाखों रुपए ख़र्च कर बनाई गई ज्यादातर व्यायामशालाएं बदहाल स्तिथि में पंहुच गई है।

21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है, ताकि लोग योग के प्रति जागरूक होकर इसे अपने दैनिक जीवन में अपनाकर स्वस्थ रह सके, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में लाखों रुपए खर्च कर 2018 में प्रदेशभर में बनाई गई, ज्यादातर व्यायामशालाएं आज देखरेख के अभाव में दयनीय स्थिति में है। ऐसे में सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों की व्यायामशालाओं की हालत सुधारने के लिए भी उचित कदम उठाने चाहिए, ताकि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर ग्रामीण इन व्यायामशालाओं का लाभ उठाकर योग कर सके। उपमंडल रादौर के 8 गांव में व्यायामशालाओं का निर्माण किया गया था। जिसमे गांव संधाली, खुर्दबन, लालछप्पर, धौलरा, बकाना, बैंडी, टोपराकलां में इन पार्क कम व्यायामशालाओं का निर्माण किया गया था। लेकिन आज इन गांव में बनाई गई ज्यादातर व्यायामशालाओं की हालात बदतर हो गई है। 

वही एक ग्रामीण वरयाम सिंह ने कहा कि गांव में जब व्यायामशाला का निर्माण किया गया था, तो ग्रामीणों में काफी ख़ुशी थी कि अब सुबह शाम ग्रामीण व्यायामशाला में सैर व योग आदि कर फिट रह सकेंगे। शुरुआत में ग्रामीणों का काफी रुझान भी देखने को मिला, लेकिन अब रखरखाव के अभाव के कारण बतदर हुई इस व्यायामशाला में कोई भी यहां जाना नहीं चाहता। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि इस और ध्यान दिया जाए ताकि ग्रामीण इस व्यायामशाला का लाभ उठा सके। वही पतंजलि योग समिति के तहसील प्रभारी अमित काम्बोज ने व्यायामशालाओं की इस हालात के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि लाखों  रुपए खर्च कर सरकार ने इसके रखरखाव की जिम्मेदारी न तो किसी विभाग को और न ही पंचायत को इस बारे कोई फंड जारी करने संबंधी कोई कदम नहीं उठाया, जिसके चलते रखरखाव के अभाव में व व्यामशाला में योग शिक्षक की नियुक्ति न किये जाने से आज लाखों रुपए ख़र्च कर बनाई गई यह व्यायामशालाएं सफेद हाथी साबित हो रही है।