गुरुग्राम-राष्ट्रीय स्वयं सेवक पहुचा कारसेवको के घर!

गुरुग्राम || श्रीरामलला के भव्य मंदिर में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे भारतवर्ष के लोगो मे हर्षोल्लास का माहौल है। सभी रामभक्त आने वाली 22 जनवरी को बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं। ऐसे में गुरुग्राम के लोग भी अलग-अलग जगहों पर अक्षत कलश यात्रा निकाल कर श्रीराम के प्रति अपना स्नेह प्रदर्शित कर रहे हैं। ऐसे में आरएसएस गुरुग्राम के पदाधिकारियो ने उन सभी कारसेवकों को सम्मानित करने का निश्चय किया है, जिन कारसेवको ने 1992 में अयोध्या पहुंच कर श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए प्रथम आहुति दी थी।

गुरुग्राम || श्रीरामलला के भव्य मंदिर में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे भारतवर्ष के लोगो मे हर्षोल्लास का माहौल है। सभी रामभक्त आने वाली 22 जनवरी को बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं। ऐसे में गुरुग्राम के लोग भी अलग-अलग जगहों पर अक्षत कलश यात्रा निकाल कर श्रीराम के प्रति अपना स्नेह प्रदर्शित कर रहे हैं। ऐसे में आरएसएस गुरुग्राम के पदाधिकारियो ने उन सभी कारसेवकों को सम्मानित करने का निश्चय किया है, जिन कारसेवको ने 1992 में अयोध्या पहुंच कर श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए प्रथम आहुति दी थी। इसी कड़ी में आरएसएस के पदाधिकारी कारसेवक बाबूलाल के घर पहुंचे और रामन्दिर की तस्वीर, अक्षत व चुन्नी चढ़ा कर बाबूलाल की धर्मपत्नी को सम्मानित किया। स्वर्गीय बाबू लाल के पुत्र ने मीडिया से मुखातिब होते हुए बताया कि उनके पिता ने भी कारसेवा में हिस्सा लिया था हालांकि उनकी उम्र उस वक्त ज़्यादा नही थी तो यादें थोड़ी कम हैं लेकिन आरएसएस के लोगो ने जो सम्मान उनके परिवार का किया है वे लोग इससे अभिभूत हैं।

आरएसएस के पदाधिकारी अशोक दिवाकर ने राजनीतिक दलों को लताड़ लगाते हुए कहा कि राम तो सबके हैं, ऐसे में उनके नाम पर राजनीति करने से परहेज़ करना चाहिए। अशोक दिवाकर की माने तो पूरे भारतवर्ष के लोग 22 जनवरी को होने वाले श्रीराम के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी कर रहे हैं। साथ ही इस दिन दिवाली का पर्व मनाया जाएगा। अशोक दिवाकर ने कहा कि संघ के लोग अभी तक 55 परिवारों को समान्नित कर चुके हैं और 22 जनवरी तक संघ के लोग करीब 100 कारसेवकों या उनके परिजनों को सम्मानित करने का लक्ष्य रखा गया है। पदाधिकारियो के मुताबिक जिन लोगो ने श्रीराम मंदिर के लिए लाठियां खाई और जेलों में रहे, आज उनका हक बनता है कि उन्हें सम्मान मिले तो वहीं अन्य पदाधिकारी श्रीचंद गुप्ता ने बताया कि तत्कलीन मंत्री सीताराम सिंगला की अगुआई में गुरुग्राम से करीब 400 कारसेवकों का जत्था अयोध्या के लिए रवाना हुआ था और उन कारसेवकों को मुजफ्फरनगर के नज़दीक रोक कर बहुत यातनाएं दी गयी थी।
कारसेवकों के परिवारों को सम्मानित करने का फैसला सराहनीय है,क्योंकि इन लोगो ने कहीं ना कहीं अपना योगदान रामन्दिर की स्थापना के लिए दिया था। ऐसे में ये परिवार जहां एक और खुश हैं तो दूसरी तरफ भावुकता भी उनके चेहरे पर साफ नजर आ रही है।