पलवल जिले में डिप्थीरिया बीमारी के मामले बढ़ते नज़र आये !

पलवल जिले में डिप्थीरिया बीमारी के बढ़ते हुए मामलों को लेकर स्वास्थ्य विभाग हरियाणा के निदेशक जसवंत पूनिया ने आज पलवल के नागरिक अस्पताल का दौरा किया और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर दिशा निर्देश दिए।

पलवल || पलवल जिले में डिप्थीरिया बीमारी के बढ़ते हुए मामलों को लेकर स्वास्थ्य विभाग हरियाणा के निदेशक जसवंत पूनिया ने आज पलवल के नागरिक अस्पताल का दौरा किया और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर दिशा निर्देश दिए।
 सिविल सर्जन डॉ. नरेश गर्ग ने बताया कि पलवल जिले में डिप्थीरिया से अक्टूबर माह मे दो लडको सहित तीन की मौत हो चुकी है। जबकि 3 केस संदिग्ध है। जिसकी रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। डिप्थीरिया की रोकथाम के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग ने टीमों का गठन कर दिया है। हथीन क्षेत्र में हेल्थ कैंप शुरू कर दिए गए है।

लोगों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि गांव उटावड़ में इस बीमारी का सर्वाधिक असर है और 10 बच्चों में बीमारी की पुष्टि हो चुकी है। सिविल सर्जन डा. नरेश गर्ग ने बताया कि डिप्थीरिया संक्रामक जीवाणु रोग है यह बीमारी टॉन्सिल, गले, नाक और त्वचा को प्रभावित करता है। इसका असर 60 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों और 11 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में होता है। अस्वच्छ वातावरण और कुपोषित बच्चों पर इसका ज्यादा असर होता है। डिप्थीरिया के लक्षण संक्रमण के दो से पांच दिन बाद दिखाई देते हैं। बेचैनी होना, ठंड लगना, बुखार, खांसी, गले में सूजन होने लगती है। सांस लेने और खाना खाने में कठिनाई होने लगती है तथा मौत हो जाती है।जिला स्वास्थ्य विभाग के अनुसार उटावड़, नांगल जाट, हथीन, पलवल और आसपास के अस्पतालों के डॉक्टरों को भी जांच के लिए बुलाया गया है। व्यापक स्तर पर डोर टू डोर सर्वे किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पलवल, होडल हसनपुर सहित सभी सरकारी अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि डिफ्थीरिया वाले मरीजों को स्पेशल ट्रीटमेंट दी जाए और नियमित जांच की जाएं।