प्रदेश भर के पार्षदों ने जिला स्तर पर उठाई अपनी माँगें

आने वाले चुनावों से पहले का दबाव कहें या फिर विकास ना करवा पाने का दर्द कि ये ख़ास ही सरकार के खिलाफ होने लगे हैं। आज हर ज़िला में पार्षदों ने एकजुट होकर अपना मांगपत्र डीसी के माध्यम से सीएम के नाम सौंपा। जिसमें 10 लाख रुपये सालाना स्वैच्छिक ग्रांट देने, मासिक वेतन 25 हज़ार रूपये करने, पेंशन लागू करने समेत सात माँगें रखी गई हैं। 

भिवानी || हरियाणा भर के पार्षदों ने अपनी माँगों को लेकर सरकार के खिलाफ आवाज़ बुलंद शुरू कर ख़तरे की घंटी बजा दी है। भिवानी के पार्षदों ने कहा कि हमारी माँगें पूरी नहीं हुई तो इस्तीफ़े देकर बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे। निकाय चुनाव में विजेता पार्षदों को सरकार के सहयोगी के तौर पर माना जाता है। हर जिला के नगर परिषद व पालिका के पार्षद आमतौर पर सरकार के साथ जुड़कर चलते हैं। अब इसे आने वाले चुनावों से पहले का दबाव कहें या फिर विकास ना करवा पाने का दर्द कि ये ख़ास ही सरकार के खिलाफ होने लगे हैं। आज हर ज़िला में पार्षदों ने एकजुट होकर अपना मांगपत्र डीसी के माध्यम से सीएम के नाम सौंपा। जिसमें 10 लाख रुपये सालाना स्वैच्छिक ग्रांट देने, मासिक वेतन 25 हज़ार रूपये करने, पेंशन लागू करने समेत सात माँगें रखी गई हैं। 
इस दौरान वार्ड नंबर दो से पार्षद संदीप यादव व वार्ड नंबर 21 के पार्षद प्रतिनिधि महाबीर ने कहा कि वो क़रीब डेढ़ साल से पार्षद हैं। इस दौरान वो अपने वार्ड में एक पैसे का भी काम नहीं करवा पाएँ हैं। ऐसे में लोग उन्हें धक्के मार मार कर कोसते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी मानने वाला तो दूर, कोई सुनने वाला भी नहीं। उन्होंने कहा कि हमारी माँगें पूरी नहीं हुई तो पूरे हरियाणा के पार्षद सामूहिक इस्तीफ़ा देकर सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन छेड़ेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि हमारी माँग जनता की माँग है और ये पूरी नहीं हुई तो जनता सरकार को सबक़ सिखाएगी। पहले सरपंच, कर्मचारी और आंगनबाड़ी वर्कर और अब पार्षद अपनी माँगो को लेकर सरकार से ख़फ़ा दिख रहे हैं। ऐसे में देखना होगा कि सरकार अपने इन पार्षदों की मांग व नाराज़गी को कब और कैसे दूर करती है।