गुरुग्राम में चाइनीज़ कंपनी का गड़बड़झाला...

यह बदहाली मिलेनियम सिटी गुरुग्राम की है जहाँ शहर के बीचों बीच इस नियमो को ताक पर बने इस कूड़ा घर ने जहाँ शहर वासी का जीना मुहाल किया हुआ है तो वही इस कूड़े का उठान करने वाली चाइनीज कंपनी की कार्यशली की पोल भी खोल रहा है |

गुरुग्राम में चाइनीज़ कंपनी का गड़बड़झाला...

गुरुग्राम (संजय खन्ना) || तस्वीरों में दिख रहा यह कूड़ा यह गंदगी यह बदहाली मिलेनियम सिटी गुरुग्राम की है जहाँ शहर के बीचों बीच इस नियमो को ताक पर बने इस कूड़ा घर ने जहाँ शहर वासी का जीना मुहाल किया हुआ है तो वही इस कूड़े का उठान करने वाली चाइनीज कंपनी की कार्यशली की पोल भी खोल रहा है आपको बता दे कि यही कूड़ा घर है जिस पर संज्ञान लेते हुए पॉल्यूशन विभाग ने 25 लाख का जुर्माना ठोका था और जुर्माना प्रदेश के मुखिया यानी सीएम मनोहर लाल ने खुद मौके का मुआयना कर इस कंपनी के खिलाफ यह जुर्माना कर इस कूड़ा घर को तुरंत व्यवस्थित करने के आदेश भी जारी किए लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है और वो भी शहर की बीचोबीच |

चाइनीज कंपनी पर सियासी लगाम जहाँ ऐसी कंपनियों को आर्थिक तौर पर नुकसान पहुंचाने में लगी तो वही साइबर सिटी में भी ऐसी ही चाइनीज कंपनी ने शहर की सुदरता पर ग्रहण लगा दिया है दरअसल चाइना की ईको ग्रीन कंपनी को गुरुग्राम और फरीदाबाद के शहर भर के कूड़े को व्यवस्थित तरीको से उठान कर बंधवाड़ी तक ले जाना था और इस कूड़े का रिसाइकिल कर बिजली और खाद बनानी थी |

लेकिन दावे सिर्फ कागज़ी थे और सिर्फ कागज़ी बना कर व्यवस्थाओं को मुह चिढ़ा रहे है | वही इस मामले में नगर निगम के कमिश्नर विनय प्रताप सिंह की माने तो इस नियमविरुद्ध बनाये गए कूड़ा घर का उन्होंने खुद मुआयना किया है और अगर ईको ग्रीन ने जल्द इस मामले पर काम नही किया तो नगर निगम कंपनी के खिलाफ जुर्माना ठोकने और कार्यवाही करने से पीछे नही हटेगा |

दरअसल ईको ग्रीन कंपनी ने नगर निगम के चारो जोन में 4/4 व्यवस्थित डंपिंगस्टेशन बनाने थे लेकिन बीते 3 साल में ईको ग्रीन कंपनी सिर्फ एक ही डंपिंग स्टेशन बना पाया है कंपनी के अग्रीमेंट में था कि शहर भर के ओपन डस्टबिन को अंडरग्राउंड डस्टबिन बनाया जाए लेकिन इस चाइनीज कंपनी ने तमाम अग्रीमेंट को साइड लाइन कर बस मनमाने तरीको से शहर की सुदरता बदसूरत करने में जुटी है और हैरानी की बात यह भी की इस चाइनीज कंपनी के खिलाफ सैकड़ो शिकायतों के बावजूद आखिर प्रशासनिक मेहरबानी क्यो और कब तक |