भर्तियों में पिछड़ा वर्ग की आरक्षित सीटों को कम करने के विरोध में उतरे पिछड़ा वर्ग के लोग

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश प्रजापति ने भाजपा की केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को खत्म करने की साजिश रचने के विरोध में उपायुक्त के माध्यम से महामहीम राष्ट्रपति को वीरवार को मांगपत्र सौंपते हुए कही। इससे पहले पिछड़ा वर्ग लोगों ने स्थानीय लघु सचिवालय के समक्ष मुख्यमंत्री मनोहर लाल, उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत, राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा, केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर का पुतला फूंककर रोष जताया।

भिवानी || एक तरफ जहां पिछड़ा वर्ग के पहले पहले से ही आर्थिक व सामाजिक रूप से पिछड़ेपन की मार झेल रहे है जिसके बाद उनके पास सिर्फ आरक्षण ही आगे बढऩे का एकमात्र सहारा बचता है, वही दूसरी तरफ केंद्र व भाजपा की सरकार पिछड़ा वर्ग के आरक्षण का अधिकार भी डकार कर उन्हे ओर अधिक पिछड़ेपन व बर्बादी की खाई में धकेलना चाहती है, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह बात राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश प्रजापति ने भाजपा की केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को खत्म करने की साजिश रचने के विरोध में उपायुक्त के माध्यम से महामहीम राष्ट्रपति को वीरवार को मांगपत्र सौंपते हुए कही। इससे पहले पिछड़ा वर्ग लोगों ने स्थानीय लघु सचिवालय के समक्ष मुख्यमंत्री मनोहर लाल, उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत, राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा, केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर का पुतला फूंककर रोष जताया। मांगपत्र सौंपते हुए सुरेश प्रजापति ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले जहां 17-11-2021 की क्रीमिलेयर अधिसूचना जारी कर पिछड़ा वर्ग के आरक्षण पर तलवार लटकाने का काम किया। उसके बाद अब हरियाणा कौशल रोजगार निगम में एससी-बीसी वर्ग के आरक्षण को भी शून्य कर दिया है। उन्होंने कहा कि यही नहीं दिल्ली पुलिस भर्ती में पुरूष वर्ग में ईडब्ल्यूएस के 542 तथा ओबीसी के 287 पद तथा महिला वर्ग में ईडब्ल्यूएस के 268 तथा ओबीसी के 142 पद दिल्ली के श्रीराम कॉलेज में गेस्ट टीचर के लिए निकाले गए 24 पदों में आधी सीटे ईडब्ल्यूएस को दे दी तथा केवल 2 पद ही ओबीसी के लिए आरक्षित किए गए, जो कि सरासर पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के अधिकार को खत्म करने की साजिश की तरफ इशारा कर रहा है।

प्रजापति ने कहा कि हरियाणा सरकार ने क्रीमीलेयर अधिसूचना 17-11-2021 के तहत पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के आधार को केवल आर्थिक आधार पर बनाना वर्ष 1992 के उच्चतम न्यायालय के फसले का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि इर तरह की असंवैधानिक अधिसूचना ना तो केंद्र सरकार में तथा ना ही देश के अन्य किसी राज्य में है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार स्वयं को पिछड़ा वर्ग हितैषी बताती है, वही जब पिछड़ा वर्ग के हितों की बात आती है तो उन पर जमकर कैंची चलाई जा रही है, जो कि भाजपा की तानाशाही व दोगले चेहरे को उजागर करता है। मांगपत्र के माध्यम से पिछड़ा वर्ग लोगों ने मांग की कि इस अधिसूचना को तत्काल प्रभाव से रद्द करें तथा पिछड़ा वर्ग के आरक्षण से खिलवाड़ ना किया जाए, ताकि पिछड़ा वर्ग के बच्चें आरक्षण के अधिकार वे से वंचित ना रहे।