यमुनानगर में किसानों की 11 एकड़ में खड़ी फसल जलकर स्वाहा

11 हजार वोल्टेज की तार ऊपर से निकल रही है उसके ऊपर एक स्विच लगाया गया है। जिसकी वजह से बार-बार इस तरीके से नुकसान किसानों को सहना पड़ता है। इससे पहले भी अक्टूबर में उनकी 2 एकड़ गन्ने की फसल जलकर राख हो गई थी। ऐसे में सरकार से मांग की है कि इसकी भरपाई की जाए। जितने भी किसानों की जमीन में आग लगी है उन्हें उचित मुआवजा मिलना चाहिए ताकि नुकसान की भरपाई हो सके।

यमुनानगर (सुमित ओबरॉय) || यमुनानगर में किसानों के खेतों में आग का तांडव। हाई वोल्टेज तारों से गिरी चिंगारी और तूफान में देखते-देखते 11 एकड़ खेती की जमीन जलकर स्वाहा हो गई। 11 एकड़ में से 3 एकड़ में गेहूं खड़ी थी। जैसे ही खेतों में आग लगने की सूचना किसानों को मिली तो किसान अपने ट्रैक्टर पर खेत की और भागे और फायर ब्रिगेड को भी इसकी सूचना दी। किसानों ने अपने ट्रैक्टरों की मदद से आग को बुझाने का प्रयास किया तो वही फायर ब्रिगेड की गाड़ियों ने मौके पर पहुंचकर करीब 2 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। इसको लेकर किसानों में भारी रोष है। उनका कहना है कि बिजली विभाग की लापरवाही की वजह से ऐसा हुआ है। और जो 11 हजार वोल्टेज की तार ऊपर से निकल रही है उसके ऊपर एक स्विच लगाया गया है। जिसकी वजह से बार-बार इस तरीके से नुकसान किसानों को सहना पड़ता है। इससे पहले भी अक्टूबर में उनकी 2 एकड़ गन्ने की फसल जलकर राख हो गई थी। ऐसे में सरकार से मांग की है कि इसकी भरपाई की जाए। जितने भी किसानों की जमीन में आग लगी है उन्हें उचित मुआवजा मिलना चाहिए ताकि नुकसान की भरपाई हो सके। हमारा अनाज के साथ-साथ चारे का भी नुकसान हुआ है।

यमुनानगर के नगला जागीर में 11 एकड़ खेती की जमीन में लगी आग। जिस वक्त आग लगी उस वक्त तेज तूफान चल रहा था देखते ही देखते आग एक जगह से शुरू होते हुए 11 एकड़ में फैल गई। किसानों ने बताया कि गांव नगला जागीर में यह आग लगीउन्होंने बताया कि इसी स्विच की वजह से 31 अक्टूबर को भी ऐसे ही उनकी 2 एकड़ गन्ने की फसल जलकर राख हो गई थी. उनका कहना है कि हमारे नुकसान की भरपाई की जाए और साथ ही उन्होंने बताया कि 1966 से लाइन यहां पर चल रही है लेकिन अभी दो-तीन साल पहले यह स्विच बदला गया था जिसकी वजह से बार-बार नुकसान हो रहा है. 3 एकड़ जमीन में गेहूं की फसल खड़ी थी. बाकी में भी आग लगी. ऊपर से 11 हजार हाई वोल्टेज की तारे जा रही हैं और इसकी वजह से यह नुकसान हुआ है इसलिए हमारे नुकसान की भरपाई की जाए।