मनुख्ता दी सेवा सबसे बड़ी सेवा बनी बेसहारों का सहारा

अपनों ने ठुकराया दूसरों ने अपनाया, जब हमारे बुरे वक्त में हमारे अपने हमारा साथ छोड़ जाते हैं, मनुख्ता दी सेवा सबसे बड़ी सेवा बनती है,

मनुख्ता दी सेवा सबसे बड़ी सेवा बनी बेसहारों का सहारा

||Haryana||Rajnipal||जी हां आपने ये कहावत तो सुनी होगी कि अपनों ने ठुकराया दूसरों ने अपनाया यह कहावत अक्सर तभी काम आती है जब हमारे बुरे वक्त में हमारे अपने हमारा साथ छोड़ जाते हैं आखिर इस कहावत को लुधियाना की एक संस्था ने सच साबित कर दिया है। हम आपको बताते है कि लुधियाना की एक ऐसी संस्था है जो बेसहारा लोगों को सहारा देती है। जिन लोगों का कोई नहीं होता उनका सहारा मनुख्ता दी सेवा सबसे बड़ी सेवा बनती है। जिसने आज फिर ऐसे लोगों को सहारा दिया है जो कई सालों से नरक की जिंदगी जीने को मजबूर थे।


मीडिया से बात करते हुए संस्था के सेवक मिंटू मालवा ने बताया कि उनकी ओर से ऐसे लोगों को रेस्क्यू किया जाता है जो कि मंदबुद्धि होते है और उनकी मदद करने वाला कोई नहीं होता है वही अंबाला से भी उनके पास इन लोगो की वीडियो आई थी। जिसके बाद वंदे मातरम दल के साथ उन्होंने मिल कर इन लोगो को रेस्क्यू किया है और अब एक बेहतर ज़िंदगी देने के कोशिश करेगे,  उन्होंने बताया कि यह तीनों ही लोग गंदगी भरी जगह में रह रहे थे और अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे। इन सब की दिमागी हालत कमजोर है।


बताया जा रहा है कि जिस महिला को रेस्क्यू किया गया है वह भी काफी पढ़ी-लिखी है पर लेकिन दिमागी हालत ठीक न होने की वजह से पिछले 20 सालों से एक ही कमरे में बंद है.  ये तीनों ही लोग नरक भरी जिंदगी जीने को मजबूर थे।


 जानकारी के मुताबिक पता चला है कि तीनों लोगों में दो सगे भाई-बहन है जिनके माता-पिता 20 साल पहले दुनिया छोड़ के जा चुके थे लेकिन उसके बाद दोनों भाई-बहन एक कमरे में ही रहने लगे न तो वे कमरे से बाहर आते और न ही कहीं आते- जाते, पूछताछ में दोनों भाई-बहनों का एक राज ओर पता चला है कि वे दोनों काफी पढ़े लिखे है, लेकिन माता-पिता की मौत के बाद दोनों नरक की जिंदगी जी रहे थे।