यमुनानगर : जगाधरी अनाज मंडी में राष्ट्रीय स्तर के सरस मेले का किया आयोजन  ....

शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह सरकार का ही प्रयास है जो ऐसे आयोजन करने जा रही है। जैसे-जैसे बढ़ेगा आपने देखा है कि पिछले 37 साल से जिस प्रकार से फरीदाबाद में सूरजकुंड का मेला लगता है आज उस मेले की लोकप्रियता चरम सीमा पर है। हमने इंग्लैंड और यूरोप के साथ भी उसके लिए समझौता किया है यह पहला अवसर है जब इतना बड़ा दुनिया के काफी देश उस मेले में भाग लेने के लिए आते हैं ।उसकी लोकप्रियता इतनी है कि अगर वहां दुकान लेने वाले वह 1000 हैं तो हम 100 को भी मुश्किल से दे सकते हैं। इतनी ज्यादा प्रसिद्ध है वह मेला और उसकी उसकी जो पॉपुलैरिटी है वह दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है।

यमुनानगर : जगाधरी अनाज मंडी में राष्ट्रीय स्तर के सरस मेले का किया आयोजन  ....

यमुनानगर : जगाधरी अनाज मंडी में आज राष्ट्रीय स्तर के सरस मेले का आयोजन किया गया।  इस मेले का शुभारंभ हरियाणा के शिक्षा वन एवं पर्यटन मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने विधिवत रूप से किया। रिबन काटने के बाद दीप प्रज्वलित किया ।और वहां पर बाहर से आए हुए शिल्पकार और मूर्तिकार,और जो अन्य जो स्टाल लगे थे उन सब का अवलोकन शिक्षा मंत्री ने  किया ।  कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई।उसके बाद  सरस्वती वंदना की प्रस्तुति दी गई ।वही स्कूल कॉलेज के छात्र छात्राओं और बाहर से आए प्रसिद्ध हरियाणवी कलाकारों द्वारा मंच पर विभिन्न प्रस्तुतियां दी गई। वही हिसार से आए हुए जादूगर सम्राट अशोक ने भी अपनी जादू की कला से मेले में आए लोगों का मन मोहा।ये मेला 20 फरवरी तक चलेगा।शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस प्रकार से आयोजनों से मेलो को और बढ़ावा मिलेगा।क्योंकि समय के अनुसार जो पहले मेलो का प्रचलन था अब वो कम होता जा रहा है।सरकार का प्रयास है कि ऐसे आयोजन होते रहे इससे पहले अम्बाला ,पंचकूला में सरस् मेले का आयोजन हो चुका है।  हरियाणा के शिक्षा वन एवं पर्यटन मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि देखिए आज सरस मेले की यहां पर शुरुआत हुई है यह तीसरा मेला है। पहले पंचकूला में उसके बाद अंबाला में और इस बार यमुनानगर में इसका मौका मिला हैबहुत ही अच्छा आयोजन प्रशासन द्वारा किया गया है। इसमें जो हमारे सेल्फ हेल्प ग्रुप है जो हैंडीक्राफ्ट का है मूर्तिकार शिल्पकार वह भी बाहर से आए हैं, जो लोग ऑर्गेनिक खेती कर रहे हैं वह लोग भी इस मेले में आए हैं इस प्रकार बहुत से लोगों ने इस मेले में भाग लिया है। और मैं यह समझता हूं कि जो मेला है वह हमारी संस्कृति का हिस्सा रहा है। यहां पर बाहर से आए कलाकार भी अपनी प्रस्तुति दे रहे हैं पहले भी वह प्रस्तुति देते थे और अब भी दे रहे हैं समय के अनुसार मेलों का प्रचलन कम होता गया लेकिन यह एक जरूरत है ।इसमें जिन लोगों का उत्पादन है जो यहां पर लेकर आए हैं मैं समझता हूं कि जिस प्रकार की आप कई बार चर्चा सुनते हैं कि बिचौलिए बहुत लाभ कमा रहे हैं वह बहुत लाभ उठाते हैं ऐसे में यह छोटे काम वाले लोग हैं उनके पास मार्केटिंग करने के लिए इतने साधन नहीं होते वह टीवी पर उसकी प्रचार करें या उसकी मार्केटिंग करें या उसके लिए कहीं और जाएंगे ।वह सीधे आपके साथ हैं यहां जनता को सीधा उनसे सामान खरीदने का मौका मिलेगा जनता को चीज सस्ती मिलेगी। और उनको अपने उत्पादन की कीमत अच्छी मिलेगी उनको भी प्रोत्साहन मिलेगा और जनता को भी चीज सस्ती मिलेगी। क्योंकि उनके पास उस प्रकार की मार्केटिंग करने का अवसर नहीं है मैं समझता हूं कि यहां से इस मेले में आना उनके प्रोडक्ट को  खरीदना  यह सबके हित की बात है। यहां बनाने वाले के हित की बात है वही खरीदने वाले के हित की बात भी है ।और जो यहां पर कलाकार प्रस्तुतियां दे रहे हैं उससे निश्चित तौर पर हमारी कला को भी प्रोत्साहन मिलता है।