किसानों के बाद अब सरपंचों ने भी सरकार के मंत्रियों और विधायकों के खिलाफ ऐलान कर दिया

किसानों के बाद अब सरपंचों ने भी सरकार के मंत्रियों और विधायकों के खिलाफ ऐलान कर दिया | भिवानी पहुंचे पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली के कार्यक्रम का विरोध करने पहुंचे सरपंच | ई-टेंडरिंग प्रक्रिया और सरपंचों को फिर से बुलाने के नियमों पर विरोध जताया |तीन जिलों के सरपंचों ने भिवानी में एकत्रित होकर विरोध जताया |

किसानों के बाद अब सरपंचों ने भी सरकार के मंत्रियों और विधायकों के खिलाफ ऐलान कर दिया

||Ambala|| Kartik Bhardwaj || किसानों के बाद अब सरपंचों ने भी सरकार के मंत्रियों और विधायकों के खिलाफ ऐलान कर दिया | भिवानी पहुंचे पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली के कार्यक्रम का विरोध करने पहुंचे सरपंच | ई-टेंडरिंग प्रक्रिया और सरपंचों को फिर से बुलाने के नियमों पर विरोध जताया | तीन जिलों के सरपंचों ने भिवानी में एकत्रित होकर विरोध जताया | सरपंचों के विरोध को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया | पुलिस ने विरोध कर रहे सरपंचों को गिरफ्तार कर लिया | 

भिवानी, 31 जनवरी (भाषा) पंचायत मंत्री देवेन्द्र बबली के भिवानी जिले में आगमन से पूर्व सरपंचों द्वारा पंचायत मंत्री के विरोध में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया।शिकायतों की सुनवाई के लिए पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली को भिवानी के पंचायत भवन में शिकायत समिति की बैठक में शामिल होना था| जिसके चलते पंचायत सभा स्थल के दोनों ओर भारी पुलिस बल तैनात रहा।जब भिवानी, रोहतक और दादरी से बड़ी संख्या में सरपंच भिवानी के हुडा पार्क में एकत्र हुए और जुलूस के रूप में देवेंद्र बबली के गंतव्य की ओर मार्च करने लगे, तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन पुलिस कर्मियों में से सरपंच गुजरते हुए आगे बढ़ने लगे |

इस बीच बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी व पुलिस की वैन सरपंचों को गिरफ्तार करने पहुंच गई।इस दौरान सरपंचों को घसीटते हुए जबरन बस में बिठाया और गिरफ्तार कर लिया।इस दौरान सरपंचों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए ई-टेंडरिंग प्रक्रिया और सरपंचों को फिर से बुलाने के कानून का विरोध किया। सरपंचों ने कहा कि सरकार ने गांवों के विकास कार्यों के लिए ई-टेंडरिंग प्रक्रिया शुरू की है, जिसमें काफी ढिलाई बरती जा रही है| सरपंचों का आरोप है कि ई-टेंडरिंग प्रक्रिया के कारण समय पर काम पूरा नहीं हो पाता है और ठेकेदारों पर सरपंचों का अधिकार खत्म हो जाता है, जिससे काम की गुणवत्ता और पारदर्शिता कम हो जाती है, इसलिए वे ई-निविदा का विरोध कर रहे हैं. -निविदा।सरपंचों ने राज्य सरकार की नीतियों का विरोध करते हुए कहा कि जब तक ई-टेंडरिंग प्रक्रिया को वापस नहीं लिया जाता है और सरपंचों के रिकॉल नियम को समाप्त नहीं किया जाता है, तब तक वे विधायकों, मंत्रियों और सरकार के प्रतिनिधियों को गांवों में प्रवेश नहीं करने देंगे|नहीं देंगे| उनकी मांगें पूरी होने तक उनका धरना जारी रहेगा।इस संबंध में डीएसपी वीरेंद्र सिंह ने कहा कि अगर कोई सरपंच कार्यक्रम में विघ्न डालता है तो उसे कार्यक्रम से दूर रखा जाएगा और कार्यक्रम को सुचारू रूप से चलाने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया है.