29 फरवरी तक दिल्ली कूच का फैसला टालकर धरने पर बैठे किसान

29 फरवरी तक दिल्ली कूच का फैसला टालकर धरने पर बैठे किसान सिंघु बॉर्डर की तर्ज पर अब शंभू बॉर्डर पर ही पक्का मोर्चा लगाने की तैयारी में है। ऐसा इसलिए माना जा रहा है क्योंकि अब किसानों ने शंभू बॉर्डर पर ट्रैक्टर ट्रॉलियों के साथ ही पक्के टेंट भी लगाने शुरू कर दिए हैं। इन टेंटों में किसानों के सोने,सामान रखने व मोबाइल चार्ज करने की भी पूरी व्यवस्था है।

ये नज़ारा शंभू बॉर्डर का है। जहां किसान बीते 14 दिन से लगातार अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं। 13 फरवरी को दिल्ली चलो का नारा देकर यहां पहुंचे किसानों ने हालांकि शुरुआत में और 21 फरवरी को हरियाणा पुलिस की किलेबंदी भेदने का प्रयास जरूर किया था। मगर किसान इसमें कामयाब न हो सके और अभी भी दिल्ली किसानों से 200 से ज़्यादा किलोमीटर दूर है। ऐसे में किसान नेताओं ने 29 फरवरी तक दिल्ली कूच के फैसले को टाल दिया। जिसके बाद अब यहां नज़ारा 2020-21 के सिंघु बॉर्डर जैसा ही बनता दिखाई दे रहा है। बहरहाल किसान अपनी अगली रणनीति का खुलासा 29 फरवरी को करेंगे,लेकिन जो तस्वीरें सामने आ रही हैं वो देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि अब किसान अपनी अगली लड़ाई यहीं शंभू मोर्चे पर बैठकर ही लड़ेंगे। किसानों की अलग अलग जत्थेबंदियों द्वारा शंभू बॉर्डर पर अब पक्के टेंट लगाए जा रहे हैं। जिनमें किसानों के उठने-बैठने,सोने,सामान रखने की व्यवस्था की जा रही है। किसानों का कहना है कि ट्रैक्टरों की तरह अब ये टेंट भी उनके पक्के साथी बन चुके हैं। पहले सिंघु फिर चंडीगढ़ तो अब शंभू बॉर्डर पर टेंट गाड़ दिए गये हैं। किसानों की मानें तो उन्हें अभी उनके नेताओं के अगले एलान की प्रतीक्षा है अगर दिल्ली जाने की बात होगी तो टेंट खोल लिए जाएंगे,नहीं तो ये यहीं पर पक्के कर दिए गए हैं। किसानों का यह भी कहना है कि जो दबाव सरकार पर दिल्ली जाकर बनेगा वही दबाव यहां से भी बन रहा है।