चरखी दादरी : चकबंदी योजना के नाम पर किसानों से धोखाधड़ी...

किसानों को राहत पहुंचाने के लिए लागू की गई चकबंदी योजना ने दादरी क्षेत्र के गांव गुडाना के किसानों के साथ अन्याय हुआ है। ग्रामीणों का आरोप है कि किस तरह उनके इलाके में चकबंदी के नाम पर सैकड़ों किसानों का वो हाल कर दिया गया कि किसान दर-दर भटक रहे हैं। विभागीय साठ-गांठ के चलते गांव के कुछ दबंग और प्रभावशाली लोगों ने मनमाने ढंग से अपने नाम करा लिए हैं।

चरखी दादरी : चकबंदी योजना के नाम पर किसानों से धोखाधड़ी...

चरखी दादरी (प्रदीप साहू) || किसानों को राहत पहुंचाने के लिए लागू की गई चकबंदी योजना ने दादरी क्षेत्र के गांव गुडाना के किसानों के साथ अन्याय हुआ है। ग्रामीणों का आरोप है कि किस तरह उनके इलाके में चकबंदी के नाम पर सैकड़ों किसानों का वो हाल कर दिया गया कि किसान दर-दर भटक रहे हैं। विभागीय साठ-गांठ के चलते गांव के कुछ दबंग और प्रभावशाली लोगों ने मनमाने ढंग से अपने नाम करा लिए हैं। चकबंदी के बाद कई किसानों की भूमि घट रही है तो कुछ लोगों ने भूमि बढ़ाकर पैमाइश करा ली है। चकबंदी में हुई गड़बडिय़ों को ठीक करवाने के लिए गांव के किसान गांव में धरने पर बैठ गए हैं और दोबारा से नियमानुसार चकबंदी करने की मांग की है। साथी ही अल्टीमेटम दिया कि अगर सरकार व प्रशासन ने संज्ञान नहीं लिया तो आंदोलन तेज करेंगे। वहीं राजस्व विभाग के अधिकारियों ने चकबंदी नियमानुसार करने की बात कही है।
दरअसल गांव गुडाना के दर्जनों किसानों के सामने रोजी-रोटी का बड़ा संकट खड़ा हो गया है। सरकारी रिकार्ड में गोलमाल करके इनकी जमीन इनसे छीनी जा रही है। जिसको लेकर गांव में किसान धरने पर बैठ गए हैं। धरने पर ग्रामीणों ने रोष प्रदर्शन करते हुए चकबंदी योजना स्कीम के नियमों की धज्जियां उड़ाने का आरोप लगाया। कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों ने कुछ लोगों से मिलकर किसानों के साथ धोखाधड़ी की है। धरनास्थल पर पूर्व सरपंच अनिल उर्फ भोला व पदम सिंह द्वारा संयुक्त रूप से पंचायत की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों पर आरोप लगाए। पंचायत में निर्णय लिया गया कि अगर उनकी समस्या का समाधान नहीं होता है तो अनिश्चितकालीन धरना शुरू करते हुए बड़ा आंदोलन करेंगे।
ग्रामीण जितेंद्र नंबरदार, नन्दराम, बीडीसी सदस्य धर्मपाल सहित ग्रामीणों ने गांव की चकबंदी प्रक्रिया में अवैध वसूली व गड़बड़ी करने का भी आरोप लगाया है। ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में हो रही चकबंदी प्रक्रिया में अधिकारियों व कर्मचारियों ने कुछ लोगों से मिलकर धांधली व अवैध वसूली की है। ऐसे में पूरे मामले की जांच करवाकर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। साथ ही ग्रामीणों ने कहा कि जान दे देंगे, चकबंदी के नाम पर गई जमीन को नहीं छोड़ेंगे। इस बारे में तहसीलदार अजय कुमार ने बताया कि गांव गुडाना की चकबंदी नियमानुसार की गई है। इस बारे में ग्रामीणों से राय भी मांगी गई थी। अगर फिर भी ग्रामीणों को शिकायत है तो उच्चाधिकारियों से मिलकर अपनी समस्या का हल करवा सकते हैं।