खट्टर सरकार ने एक साजिश के तहत दिल्ली में पानी छोड़ा इससे हरियाणा में भी बाढ़ आई - डॉ. सुशील गुप्ता

कई गांवों का संपर्क दूसरे इलाकों से कट रहा है। कई दिन से बिजली नहीं है, घरों में पीने का पानी भी खत्म हो गया है। लेकिन खट्टर सरकार का कोई व्यक्ति गांवों में नहीं पहुंच रहा, न ही कोई सरकारी मदद गांवों में मिल रही है। खट्टर सरकार आपदा प्रबंधन में फेल साबित हो रही है। मुख्यमंत्री खट्टर, उसके मंत्री, सांसद व विधायक इस मुश्किल की घड़ी में कोई भी जमीन पर नजर नहीं आ रहा।

पलवल || हरियाणा प्रदेश में बारिश की वजह से कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। लोगों को परेशानी को सामना करना पड़ रहा है किसानों की फसल जलमग्न हो गई है। कई लोगों की मौत हुई है इसके पीछे प्रदेश की खट्टर सरकार और भाजपा सरकार जिम्मेदार है ये आरोप आप के प्रदेष अध्यक्ष सुशील गुप्ता ने पलवल में प्रेस वार्ता कर लगाए। प्रदेश में बारिश की वजह से बाढ़ जैसे हालात बने है इस आपदा के कारण प्रदेश के कई लोग जान भी गवा चुके हैं। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता और नेता लगातार जनता के बीच हैं, लोगों की मदद कर रहे हैं। इसी को लेकर आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद डॉ. सुशील गुप्ता ने शनिवार को पलवल के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों दौरा किया और पीड़ित परिवारों से बातचीत की। उसके बाद पलवल पीडब्लूडी रेस्ट हाउस में प्रेसवार्ता के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ग्राउंड जीरो पर पीड़ितों की हर संभव मदद कर रहे हैं, और जरूरतमंद लोगों को भोजन व दवाइयां मुहैया करवा रहे हैं। डॉ. सुशील गुप्ता ने कहा कि बारिश की वजह से प्रदेश के कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों पर पानी आने से सड़कें टूटने लगी हैं। कई गांवों का संपर्क दूसरे इलाकों से कट रहा है। कई दिन से बिजली नहीं है, घरों में पीने का पानी भी खत्म हो गया है। लेकिन खट्टर सरकार का कोई व्यक्ति गांवों में नहीं पहुंच रहा, न ही कोई सरकारी मदद गांवों में मिल रही है। खट्टर सरकार आपदा प्रबंधन में फेल साबित हो रही है। मुख्यमंत्री खट्टर, उसके मंत्री, सांसद व विधायक इस मुश्किल की घड़ी में कोई भी जमीन पर नजर नहीं आ रहा। उन्होंने कहा कि हरियाणा की गठबंधन सरकार की अनदेखी के चलते आज पूरे प्रदेश में बाढ़ जैसे हालात हो गए है।

मानसून से पहले खट्टर सरकार ने नदी, नालों और ड्रेनेज की साफ सफाई नहीं की। सड़कों पर पानी के तालाब बन गए हैं। उन्होंने कहा कि समय रहते प्रदेश सरकार ने बंदोबस्त किए होते तो बाढ़ जैसे हालात नहीं पैदा होते। प्रदेश सरकार के पानी निकासी के दावों की हवा निकल चुकी है। उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार हथिनी कुंड बैराज का पानी केवल दिल्ली की तरफ छोड़कर दिल्ली को डूबाना चाहती थी। जबकि उत्तर प्रदेश की कैनाल सूखी पड़ी है, इससे वॉटर लेवल कम हो जाता और बाढ़ ग्रस्त एरिया को राहत मिलती, बहुत सारे गांव पानी की चपेट में आने से बच जाते। एक साजिश के तहत दिल्ली को डुबोने के कारण हरियाणा के सैंकड़ों गांव भी बाढ़ की चपेट में आ गए। उन्होंने कहा कि सरकार बाढ़ पीड़ितों तक तुरंत मदद पहुंचाए। वहीं आपदा प्रबंधन विभाग को एक्शन में लाकर लोगों तक मदद पहुंचाने का काम करे। उन्होंने कहा कि बारिश की वजह से लोगों के घरों और खेतों में पानी घुस गया है। इस समय प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को मदद की जरूरत है।